देहरा/कांगड़ा: जिला कांगड़ा के देहरा उपमंडल में आशा वर्कर्स ने अपनी समस्याओं के संबंध में देहरा के एसडीएम धनवीर ठाकुर के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम जयराम राम ठाकुर को ज्ञापन भेजा है. ज्ञापन में आशा वर्करों ने बताया है कि कोविड-19 के दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में सराहनीय काम किए हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी कई मांगों को कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
जानकारी देते हुए आशा कार्यकर्ता प्रधान शशि लता ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा पुरे देश में लगभग 10 लाख 25 हजार आशा वर्कर्स कार्यरत हैं. राज्य सरकार इनसे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, टीकाकरण, स्वच्छता, जच्चा-बच्चा देखभाल, संस्थागत प्रसव आदि के अलावा कई अन्य कार्य भी संचालित करवाती है. इस कार्य के बदले इन्हें कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दी जाती है.
शशि लता ने बताया कि समाज के कुपोषण दूर करते-करते आशा वर्कर्स खुद कुपोषण का शिकार हो रही हैं. इन्ही कार्यों को राज्य के सरकारी कर्मचारी भी करते हैं, जिन्हें वेतन साथ अन्य सुविधाएं भी मिलती है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस द्वारा आशा कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए प्रोत्साहन राशि को दोगुना करने का एलान किया था, लेकिन मंत्रालय से मात्र 1000 रुपये की वृद्धि की गई. इससे आशा वर्कर्स खुद को ठगा सा महसूस कर रही हैं.
आशा वर्कर प्रदेश संघ की महासचिव शशि लता ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए, आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम 18000 रुपये वेतन का प्रतिमाह भुगतान किया जाए. आशा वर्कर्स को समाजिक सुरक्षा पैंशन योजना के अंतर्गत ईपीएफ एवं ईएसआई योजनाएं लागु करें और सेवानिवृत पर अधित से अधिक 5 लाख रुपये का प्रावधान किया जाए.
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