हमीरपुर: रमेश पठानिया को खेल जगत के सर्वोच्च सम्मान द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए नामित किया गया है. हिमाचल के हॉकी के वह पहले कोच बन गए हैं, जिन्हें यह सर्वोच्च सम्मान केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाएगा. पठानिया वर्तमान में प्रदेश हॉकी एसोसिएशन के सचिव भी हैं. करीब 30 वर्षों से कोचिंग कर रहे रमेश पठानिया ने महिला हॉकी जूनियर और सीनियर टीम के साथ ही पुरुष सीनियर और जूनियर टीम को भी कोचिंग दी है.
उनकी कोचिंग में टीमों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीते हैं. भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे सरदारा सिंह, संदीप सिंह, वीआर रघु और भरत शिकारा को भी उन्होंने कोचिंग दी है. अब उनका सपना हिमाचल में एक ऐसी एकेडमी खोलने का है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्लेयर तैयार किए जा सकें.
मैगजीन ने बढ़ाया हॉकी से प्यार
रमेश पठानिया ने बताया कि वर्ष 1975 की वर्ल्ड चैंपियन टीम का फोटो एक मैगजीन में देखने के बाद उन्हें हॉकी के प्रति लगाव हो गया. उसके बाद से उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया. दो दशक तक हॉकी खेलने के बाद उन्होंने कोचिंग शुरू की. हिमाचल के साथ ही वह पंजाब से भी खेले. इसके अलावा कोचिंग क्षेत्र में देश के विभिन्न राज्यों में उन्होंने सेवाएं दीं. हमीरपुर से ही कोचिंग का करियर भी शुरू किया. यहां पर गर्ल्स स्कूल हमीरपुर में हॉकी की टीम को तैयार किया. इस टीम ने भी मेडल अपने नाम किए, यहीं से कोचिंग का सफर शुरू हो गया.