हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हमीरपुर के राकेश पठानिया द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए चयनित, कई दिग्गजों को दे चुके हैं कोचिंग - रमेश पठानिया

हमीरपुर के रमेश पठानिया को खेल जगत के सर्वोच्च सम्मान द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए नामित किया गया है. पठानिया ने ईटीवी भारत को बताया उनका सपना एकेडमी खोलकर युवाओं को तराशना है, जिससे वह देश-दुनिया में नाम रोशन कर सकें.

Dronacharya Awardee Pathania wants to open academy
सेंटर से नहीं निकलती प्रतिभा

By

Published : Aug 21, 2020, 10:14 PM IST

हमीरपुर: रमेश पठानिया को खेल जगत के सर्वोच्च सम्मान द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए नामित किया गया है. हिमाचल के हॉकी के वह पहले कोच बन गए हैं, जिन्हें यह सर्वोच्च सम्मान केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाएगा. पठानिया वर्तमान में प्रदेश हॉकी एसोसिएशन के सचिव भी हैं. करीब 30 वर्षों से कोचिंग कर रहे रमेश पठानिया ने महिला हॉकी जूनियर और सीनियर टीम के साथ ही पुरुष सीनियर और जूनियर टीम को भी कोचिंग दी है.

उनकी कोचिंग में टीमों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीते हैं. भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे सरदारा सिंह, संदीप सिंह, वीआर रघु और भरत शिकारा को भी उन्होंने कोचिंग दी है. अब उनका सपना हिमाचल में एक ऐसी एकेडमी खोलने का है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्लेयर तैयार किए जा सकें.

वीडियो

मैगजीन ने बढ़ाया हॉकी से प्यार
रमेश पठानिया ने बताया कि वर्ष 1975 की वर्ल्ड चैंपियन टीम का फोटो एक मैगजीन में देखने के बाद उन्हें हॉकी के प्रति लगाव हो गया. उसके बाद से उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया. दो दशक तक हॉकी खेलने के बाद उन्होंने कोचिंग शुरू की. हिमाचल के साथ ही वह पंजाब से भी खेले. इसके अलावा कोचिंग क्षेत्र में देश के विभिन्न राज्यों में उन्होंने सेवाएं दीं. हमीरपुर से ही कोचिंग का करियर भी शुरू किया. यहां पर गर्ल्स स्कूल हमीरपुर में हॉकी की टीम को तैयार किया. इस टीम ने भी मेडल अपने नाम किए, यहीं से कोचिंग का सफर शुरू हो गया.

देर रात को कोचिंग

हमीरपुर में कोचिंग के उन दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि रात को 12 बजे हो या सुबह के 4 मैदान में उन दिनों कोचिंग दिया करते थे, उन खिलाड़ियों में इतना जुनून था कि वह रात को भी उन्हें कोचिंग के लिए मैदान में तैयार रहते थे.

हिमाचल हॉकी के भविष्य पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में एस्ट्रोटर्फ की बहुत बड़ी कमी है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल के खिलाड़ियों के लिए गुडगांव और बाहरी राज्यों में कैंप आयोजित किए जिस वजह से कुछ हद तक अब हिमाचल अन्य राज्यों की टीमों के लिए चुनौती देने में सक्षम हुआ. पठानिया ने बताया कि कोरोना संकटकाल में ऑनलाइन कोचिंग दी जा रही, लेकिन कोच सेंटर में बैठकर प्रतिभा को बाहर नहीं ला सकते. उन्हें बाहर जाना पड़ेगा और इसके लिए सरकार को इन कोच को प्रोत्साहित भी करना पड़ेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details