हमीरपुर:कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में अब मुख्य आरोपी उमा आजाद के बड़े बेटे नितिन आजाद को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. नितिन आजाद ने कर्मचारी चयन आयोग के अंतर्गत आयोजित दो परीक्षाओं को पिछले 9 महीने में पास किया था और एक परीक्षा को टॉप किया था. पेपर लीक प्रकरण में दूसरे मुख्य आरोपी दलाल संजीव शर्मा के छोटे भाई शशि पाल को भी गिरफ्तार किया गया है. अब इस मामले में कुल 8 लोग गिरफ्तार हो गए हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. इन दोनों आरोपियों को जल्द ही विजिलेंस की टीम मुख्य आरोपियों के साथ अदालत में पेश करेगी. मुख्य आरोपियों उमा आजाद और संजीव कुमार को अदालत ने दोबारा 3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा था. इन आरोपियों को अब हाल ही में पकड़े गए दोनों आरोपियों के साथ अदालत में पेश किया जाएगा. (JOA IT paper leak case)
दरअसल कर्मचारी चयन आयोग गोपनीय ब्रांच में तैनात आरोपी निलंबित महिला कर्मचारी उमा आजाद के बड़े बेटे ने 15 दिसंबर को ही कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से आयोजित मार्केट सुपरवाइजर की परीक्षा को पास किया था. इस परीक्षा का फाइनल परिणाम 8 दिन पहले 15 दिसंबर को घोषित किया गया जिसमें आरोपी उमा आजाद के बेटे नितिन आजाद ने 70.50 अंक हासिल किए थे. वहीं, छोटे बेटे निखिल आजाद को पहले ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. निखिल आजाद भी कर्मचारी चयन आयोग पोस्टकोड 965 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी का अभ्यर्थी है. उसने भी इससे परीक्षा के लिए आवेदन किया था लेकिन 25 दिसंबर को प्रस्तावित इस भर्ती की लिखित परीक्षा से पहले ही पेपर लेकर का खुलासा हो गया था.
नीलामीकर्ता की सरकारी नौकरी से दिया रिजाइन: आपको जानकर यह हैरानी होगी कि आरोपी महिला अफसर उमा आजाद के बड़े बेटे ने कृषि विपणन समिति हमीरपुर में नीलामीकर्ता की नौकरी से कुछ महीने पहले ही त्यागपत्र दिया था. यहां पर उसने नौकरी लगने के बाद 3 महीने तक नौकरी की और उसके बाद नौकरी छोड़ दी. इसके बाद एक बार फिर उसने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से ही कृषि विपणन समिति के तहत भरे जाने वाले मार्केट सुपरवाइजर के पद के लिए आवेदन किया. यह परीक्षा भी कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से आयोजित हुई है और इस परीक्षा में महिला अधिकारी के बेटे ने 70.50 अंक हासिल किए. फाइनल परीक्षा परिणाम घोषित होने पर एक बार फिर महिला अधिकारी के बेटे नितिन आजाद की नौकरी लग गई. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या महिला अधिकारी के बेटे को अपने आप पर इतना विश्वास था कि वह एक बार फिर टेस्ट को क्वालीफाई कर लेगा या फिर कोई गोलमाल है. ऐसे में अब तमाम परीक्षाओं पर सवार उड़ सकते हैं जो महिला अधिकारी के कार्यकाल में आयोजित हुई हैं.