सुजानपुर: जयराम सरकार पर हमला बोलते हुए विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि कोविड-19 के दौर में प्रदेश के छोटे दुकानदारों का हाल-बेहाल है. जयराम सरकार की कागजी घोषणाओं के सिवा इस वर्ग को कोई भी मदद जमीनी स्तर पर नहीं मिल पाई है.
यहां तक कि इन लोगों को राहत देने के लिए बैंक भी इन्हें कर्ज देने से लगातार टालमटोल का रवैया अपना रहे हैं. सीधे शब्दों में कहें तो कर्ज संबंधी सरकार की गाइडलाइन को बैंक लागू ही नहीं कर रहे हैं. राणा ने कहा कि उन्हें कई जिलों से छोटे दुकानदारों ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि उन लोगों को कर्ज देने के लिए इतनी औपचारिकताएं बताई जा रही हैं कि उन्हें पूरा करना छोटे व कम पढ़े- लिखे दुकानदारों के बस की बात नहीं है.
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े कुछ लोगों से जब उन्होंने इस हकीकत का सच जानना चाहा तो बैंक के अधिकारियों ने उनके इंटर्नल सिस्टम को दो टुक बताया कि सरकार जो मर्जी दावे कर ले, सरकार गाइडलाइन जारी करने के साथ ही बैंक को एक लाइन का सर्कुलर भी भेजती है, जिसे जगजाहिर नहीं किया जा सकता है.
इस सर्कुलर में साफ लिखा रहता है कि हर लोन की व्यक्तिगत जिम्मेदारी बैंक अधिकारियों की होगी. ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं है कि सरकार की करनी और कथनी में जमीन-आसमान का फर्क है. सरकार वाहवाही लूटने के लिए गाइडलाइन जारी करके कागजी दावे तो खूब करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई भी गाइडलाइन हकीकत में लागू नहीं हो पा रही है.