हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. आयोग की गोपनीय ब्रांच में तैनात आरोपी महिला अफसर के बड़े बेटे ने 15 दिसंबर को ही कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से आयोजित मार्केट सुपरवाइजर की परीक्षा को पास किया था. इस परीक्षा का फाइनल परिणाम 8 दिन पहले 15 दिसंबर को घोषित किया गया जिसमें आरोपी उमा आजाद के बेटे नितिन आजाद ने 70.50 अंक हासिल किए थे. इसके अलावा छोटा बेटा निखिल भी पिछले दिनों आयोजित हुई जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ पास हुआ है. छोटा बेटा पेपर लीक मामले में अपनी मां के साथ पकड़ा गया है. (JOA IT paper leak in HP)
बताया जा रहा है कि महिला अफसर के छोटे बेटे निखिल आजाद ने भी जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्टकोड 965 के तहत आवेदन किया था और उसने भी रविवार को हमीरपुर में परीक्षा देनी थी. ऐसे भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या कर्मचारी चयन आयोग के गोपनीय ब्रांच में तैनात एक अफसर के बेटे लगातार सरकारी नौकरी के लिए कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाएं देते रहे और इसकी आयोग को कानोंकान खबर नहीं हुई. क्या ऐसा कोई नियम है जिसके तहत गोपनीय ब्रांच में नौकरी करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने बच्चों की परीक्षाओं की जानकारी आयोग को देना जरूरी हो? अगर ऐसा नियम है तो क्या फिर इस नियम की कोई पालना हुई है. फिलहाल इस मामले पर कर्मचारी चयन आयोग के अधिकारी कोई प्रतिक्रिया देने से टल रहे हैं और मीडिया कर्मियों से कोई बातचीत नहीं की जा रही है. इस तमाम मामले में यह तय है कि अब जांच लंबी चलेगी और कई अधिकारी और कर्मचारी इस जांच की जद में आ सकते हैं.
नीलामीकर्ता की नौकरी से दिया रिजाइन फिर सुपरवाइजर की परीक्षा की पास: आपको जानकर यह हैरानी होगी कि आरोपी महिला अफसर उमा आजाद के बड़े बेटे ने कृषि विपणन समिति हमीरपुर में नीलामीकर्ता की नौकरी से कुछ महीने पहले ही त्यागपत्र दिया था. यहां पर उसने नौकरी लगने के बाद 3 महीने तक नौकरी की और उसके बाद नौकरी छोड़ दी. इसके बाद एक बार फिर उसने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से ही कृषि विपणन समिति के तहत भरे जाने वाले मार्केट सुपरवाइजर के पद के लिए आवेदन किया. यह परीक्षा भी कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से आयोजित हुई है और इस परीक्षा में महिला अधिकारी के बेटे ने 70.50 अंक हासिल किए. फाइनल परीक्षा परिणाम घोषित होने पर एक बार फिर महिला अधिकारी के बेटे नितिन आजाद की नौकरी लग गई. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या महिला अधिकारी के बेटे को अपने आप पर इतना विश्वास था कि वह एक बार फिर टेस्ट को क्वालीफाई कर लेगा या फिर कोई गोलमाल है. ऐसे में अब तमाम परीक्षाओं पर सवाल उठ सकते हैं जो महिला अधिकारी के कार्यकाल में आयोजित हुई हैं.