हमीरपुर:रंगों के उत्सव होली का हिमाचल के हमीरपुर जिले के सुजानपुर में अपना एक विशेष (Holi of Sujanpur)महत्व है. हिमाचल के सुजानपुर की होली देशभर में विख्यात है. दूरदराज से लोग यहां होली खेलने के लिए आते हैं. होली के मौके पर यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है. देशभर के कलाकार यहां आकर लोगों का मनोरंजन करते हैं. इस बार यह मेला 15 से 18 मार्च तक मनाया जा रहा है.
राजा और प्रजा ने ली भगवान की परीक्षा तो कान्हा ने दिखाया चमत्कार, मुरली मनोहर मंदिर सुजानपुर में साक्षात प्रमाण - Holi festival begins in Sujanpur
रंगों के उत्सव होली का हिमाचल के हमीरपुर जिले के सुजानपुर में अपना एक विशेष (Holi of Sujanpur)महत्व है. हिमाचल के सुजानपुर की होली देशभर में विख्यात है.दूरदराज से लोग यहां होली खेलने के लिए आते हैं.यह मेला 15 से 18 मार्च तक मनाया जा रहा है. राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव सुजानपुर(National level Holi festival in Sujanpur) और यहां स्थित मुरली मनोहर मंदिर का विशेष नाता (Murli Manohar Temple of Sujanpur)है.
राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव सुजानपुर(National level Holi festival in Sujanpur) और यहां स्थित मुरली मनोहर मंदिर का विशेष नाता (Murli Manohar Temple of Sujanpur )है. बता दें कि इससे पहले सुजानपुर के राष्ट्र स्तरीय होली मेले का आगाज केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को किया है. परंपरा है कि सुजानपुर शहर में रथ यात्रा निकालने के बाद मुख्य अतिथि के मुरली मनोहर मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद होली मेले का आगाज किया जाता है.
कई साल पुराना इतिहास:सुजानपुर में मनाई जाने वाली राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव के आयोजन के पीछे एक रोचक कहानी है. रियासतों और रजवाड़ा शाही के दौर में शुरू हुआ ये उत्सव आज भी सदियों पुरानी परंपराओं के अनुसार ही मनाया जाता है. कटोच वंश के शासन में होली उत्सव सुजानपुर का शुभारंभ हुआ था. रजवाड़ा शाही के दौर से ही यह उत्सव 3 दिन तक मनाया जाता था. राजा के महल में तालाब में रंग घोलकर होली खेली जाती थी. सुजानपुर नगर की स्थापना 1761 ई. में कटोच वंश के राजा घमंड चंद ने की थी, लेकिन इसे संपूर्ण करने का श्रेय कला प्रेमी और राजा घमंड चंद के पोते संसार चंद को जाता है.