हमीरपुर:भाजपा के दिग्गज नेताओं की दिल्ली में वर्तमान में धमक है. भाजपा में छोटे से राज्य हिमाचल के नेताओं को बड़े पदों पर जिम्मा संभालने का मौका मिला है. ऐसे में हिमाचल के लोगों की उम्मीदें इस बार के केंद्र सरकार के बजट से कुछ खास है. केंद्र की एनडीए सरकार के आगामी बजट से इस बार हिमाचल को अधिक उम्मीदें तब है जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हिमाचल से आते हैं और दो बड़े मंत्रालयों का जिम्मा भी हिमाचल के ही युवा नेता अनुराग ठाकुर संभाल रहे हैं. देश की आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश में रेलवे का कोई खास विस्तार नहीं हो पाया है. ब्रिटिश काल की रेलवे लाइन भी सही ढंग से संरक्षित नहीं हो पाई हैं. ब्रिटिश काल में ही हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों तक रेलवे लाइन पहुंच गई थी लेकिन आजादी के बाद रेलवे के विस्तार में पहाड़ चढ़ने में रेल का इंजन लगातार हांफता रहा है. अब तक की सरकारों में पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में रेल विस्तार की योजनाओं को अधिक महत्व नहीं दिया गया है.
2014 में पीएम मोदी ने दिखाया था सपना: केंद्र में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही हिमाचल की उम्मीदें बढ़ गई थी क्योंकि 2014 के चुनावों में प्रचार के दौरान ही हिमाचल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे विस्तार का सपना हिमाचली लोगों को दिखाया था. सुजानपुर में 2014 में हुई रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मौत का हवाला देते हुए सत्ता में आने के बाद रेलवे विस्तार के जरिए लोगों को रेल का सपना दिखाया था, लेकिन 9 साल बाद भी यह सपना पूरा नहीं हो पाया है. हिमाचल के लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिखाया गया पहाड़ों में रेल के सफर का सपना भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में जमीन पर उतरेगा.
रेलवे महज हेरिटेज तक ही सीमित, यातायात का साधन नहीं बना: पहाड़ी राज्य हिमाचल में ब्रिटिश काल में विकसित हुए रेलवे ट्रैक अब हेरिटेज बन गए हैं. देश में अब तक की सरकारें हिमाचल के लिए रेलवे विस्तार को लेकर अधिक रुचि नहीं जता पाई हैं. यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश में यातायात का मुख्य साधन अभी तक सड़क मार्ग ही है. हिमाचल प्रदेश में कालका-शिमला रेल मार्ग को यूनेस्को ने धरोहर की सूची में शामिल किया है, इसे हेरिटेज ट्रैक भी कहा जाता है. हिमाचल के अन्य जिलों मंडी, कांगड़ा, ऊना, सोलन और बिलासपुर के कुछ हिस्सों में रेलवे विस्तार की संभावनाएं हैं. चलिए सिलसिलेवार तरीके से अब तक हिमाचल में हुए रेलवे के विस्तार और रेल परियोजना पर चर्चा कर लेते हैं...
भानुपल्ली बिलासपुर-बेरी न्यू ब्रॉडगेज: भानुपल्लीबिलासपुर मनाली लेह रेलवे मार्ग हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी रेल लाइन प्रोजेक्ट साबित हो सकता है. फिलहाल इस रेलवे लाइन को बिलासपुर जिले के बरमाणा तक निर्मित किया जा रहा है. हालांकि लेह तक इस रेलवे लाइन की दूरी 475 किलोमीटर है, जिसके लिए इंटरनेशनल एजेंसी ने सैटेलाइट इमेज प्रणाली के जरिए 1 दर्जन से अधिक सर्वे करवाए हैं. प्रथम चरण में इस रेलवे लाइन का निर्माण बिलासपुर जिले तक किया जा रहा है. 2008-09 में स्वीकृत रेल लाइन, भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन भानुपल्ली (आनंदपुर साहिब, रूपनगर, पंजाब के पास) से बेरी (बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश) तक 63.1 किमी लंबी होगी. इस रेलवे लाइन का प्रथम चरण हिमाचल प्रदेश में 49.2 किमी और पंजाब में 13.9 किमी है. इस परियोजना की कुल लागत 2,967 करोड़ है, जिसका 25% राज्य- हिस्सेदारी और 75% भारत सरकार का है. एसडीएम बिलासपुर द्वारा 20 किमी तक के लिए आवश्यक लगभग 95% भूमि का मुआवजा किया गया है. रेल लाइन के शेष हिस्से के लिए जमीन अधिग्रहण की बातचीत चल रही है.