हमीरपुर:जिला मुख्यालय से महज सात किमी दूर स्थित मसयाणा गांव में नाल्टी हमीरपुर सड़क पर एक परिवार एक माह से घर में कैद है. इस मामले में स्थानीय पंचायत, पुलिस और प्रशासन को शिकायत के बावजूद इस परिवार को सड़क तक पहुंचने का रास्ता तो दूर घर से निकलने को एक इंच जगह तक नहीं मिल पा रही है. पड़ोसियों से विवाद के चलते घर के चारों ओर टीनशैडनुमा बाड़बंदी कर दी गई है. सात से आठ फीट उंची टीन की दीवार घर के चारों तरफ लगाई गई है. जब कहीं भी सुनवाई ना हुई तो मीडिया के समक्ष अपनी समस्या को रखने के लिए महिला कविता देवी को जान जोखिम में डाल कर बाड़ को फांद कर आना पड़ा.
जंगलरोपा पंचायत के मसयाणा गांव में इस परिवार के मकान के इर्द गिर्द की जमीन गांव के ही तीन अन्य भाईयों की मलकियत है. दोनों पक्षों में विवाद होने के चलते उक्त तीनों भाईयों ने पीड़ित परिवार को सड़क तक पहुंचने का रास्ता नहीं दिया है. यही वजह है कि 89 साल की बुजुर्ग के साथ यह परिवार घर में कैद होने को मजबूर है. परिवार खाने पीने की जरूरतों को भी सड़क के समीप रहने वाले प्रवासी मजदूरों की मदद से पूरा कर रहा है. यह प्रवासी पीड़ित परिवार को खाने पीने की चीजें टीन की दीवार के एक तरफ से फेंक कर देते हैं. 89 साल की बुजुर्ग महिला हार्ट की मरीज हैं. ऐसे में परिवार के लिए समस्या और भी विकट हो गई है. पीड़ित परिवार का कहना कि एक नहीं बल्कि कईं दफा वह पंचायत और पुलिस और प्रशासन के पास शिकायत लेकर जा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि समस्या का समाधान करने की बजाए पंचायत के प्रतिनिधि उनपर दूसरे पक्ष को जमीन देने का दबाव बनाते हैं.
पंचायत भी बनाती है दबाव:पीड़ित महिला कविता का कहना कि उनके घर के चारों ओर पड़ोसियों ने टीन की बाड़बंदी घर के चारों तरफ कर दी गई है. घर के चारों ओर सीसीटीवी कैमर में भी लगाए गए हैं. उनके पड़ोसी उनको सड़क तक जाने का रास्ता तक नहीं देते हैं. प्रवासी मजदूर उन्हें बाड़ की दूसरी तरफ से जरूरी चीजें देते हैं. उनकी सास हार्ट की मरीज है. महिला का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधि कई दफा मौके पर आएं है, लेकिन समस्या का समाधान करने की बजाए दूसरे पक्ष को जमीन देने का दबाव उनपर बनाते हैं. वह ना तो मंदिर जा पा रहे हैं और ना ही अस्पताल.
'मायके नहीं आ सकती बेटी, बेटे पर झूठा केस लगाने की धमकी':कविता का कहना कि उनकी बेटी की शादी भी हो चुकी है. बाड़बंदी की वजह से बेटी भी उनके पास नहीं आ सकती है. तीन पड़ोसियों में से एक पुलिस में नौकरी करता है और अपने रसूख से परेशान कर रहा है. साल 2012 में उन्होंने मकान बनाया था और सरकार की तरफ अटल आवास योजना के घर के निर्माण के लिए 48 हजार मिला है. पड़ोसी उसके बेटे पर केस लगाने की धमकी देते हैं. इमरजेंसी में सीढ़ी लगाकर वह रिश्तेदारों को को घर में बुलाते हैं तो पड़ोसी उनके साथ गाली गलौच करते हैं.