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बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में वीआईपी और आम लोगों के बीच भेदभाव दुखद: लखनपाल

आम नागरिक और वीआईपी लोगों के बीच नियमों और कायदे कानून को लेकर भेदभाव की परंपरा सिस्टम की खामियों में से एक है. कोरोना के नाम पर आम लोगों और वीआईपी लोगों के बीच भी भेदभाव की खबरें महामारी के दौर में आती रही हैं. ऐसा ही एक मामला बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध से सामने आया है.

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Published : Feb 3, 2021, 10:39 PM IST

बड़सर: आम नागरिक और वीआईपी लोगों के बीच नियमों और कायदे कानून को लेकर भेदभाव की परंपरा सिस्टम की खामियों में से एक है. कोरोना के नाम पर आम लोगों और वीआईपी लोगों के बीच भी भेदभाव की खबरें महामारी के दौर में आती रही हैं. ऐसा ही एक मामला बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध से सामने आया है.

जहां काफी समय से बंद पडे़ धूने को एकाएक मंत्री महोदय के लिए खोल दिया गया. हालांकि पिछले कुछ समय से श्राद्धालु बाबा के धूने को खोलने की सिफारिश प्रशासन से कर रहे थे, लेकिन कोरोना का हवाला देकर मंदिर ट्रस्ट के अधिकारी इसे खोलने से मना करते रहे हैं.

विधायक लखनपाल ने भेदभाव को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

मंदिर ट्रस्ट के इस रवैये पर अब बड़सर विधायक इंद्र दत्त लखनपाल नें जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा मंदिर ट्रस्ट को आम श्रद्धालुओं व वीआईपी के लिए दोहरे मापदंड अपनाना समझ से परे है. इससे साबित होता है कि प्रदेश सरकार आम लोगों के लिए कितनी संवेदनशील है. लखनपाल ने कहा है की ये ठीक है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कड़े नियम कायदे बनाये गए हैं, लेकिन सरकार हमें ये बताए कि क्या उसने वीआईपी व आम लोगों के लिए अलग अलग नियम बना रखे हैं. वीआईपी के लिए मंदिर के धूने को खोलकर आम श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुचाने का काम मौजूदा सरकार ने किया है. विपक्ष इस मामले को लेकर चुप नहीं बैठेगा.

श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा धूना

सिस्टम और मंदिर प्रशासन के इस दोगले व्यवहार की वजह से आम जनता के मन में सिस्टम को लेकर सवाल खड़े हो गए है, कि क्या नियम कायदे उनके लिए ही हैं या फिर वीआइपी लोगों के लिए प्रशासन नें अलग से नियम बना रखे हैं. इस संदर्भ में एसडीएम बड़सर प्रदीप कुमार का कहना है कि आगामी दो तीन दिनों में आम श्रद्धालुओं के लिए बाबा बालक नाथ का धूना खोल दिया जाएगा.

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