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टमाटर की फसल का सही दाम न मिलने से किसान परेशान, मेहनत पर फिरा पानी

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Published : Jul 17, 2021, 4:32 PM IST

चंबा में इस बार टमाटर की पैदावार बंपर हुई, लेकिन किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. बता दें कि चंबा जिला के अंतर्गत आने वाले भरमौर, तीसा, सलूणी, पांगी, मेहंला, इत्यादी क्षेत्रों में किसान लोग जमकर टमाटर की फसल का कारोबार करते हैं. अप्रैल के महीने में टमाटर की फसल लगनी शुरू होती है. जो जुलाई के महीने में पकने लगती है. इस बार फसल तो बेहतर हुई थी, लेकिन बाजार में दाम न के बराबर होने के चलते किसानों की मेहनत पर पानी फिरता हुआ दिख रहा है.

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फोटो.

चंबा: जिला चंबा में इस बार टमाटर की पैदावार बंपर हुई है, लेकिन उसके बावजूद किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. जिसके चलते किसान अपने खेतों से टमाटर की फसल फेंकने को मजबूर हो गए हैं. चंबा जिला के अंतर्गत आने वाले भरमौर, तीसा, सलूणी, पांगी, मेहंला, इत्यादी क्षेत्रों में किसान लोग जमकर टमाटर की फसल का कारोबार करते हैं.

बता दें कि अप्रैल के महीने में टमाटर की फसल (Tomato Crop) लगानी शुरू की होती है. जो जुलाई के महीने में पकने लगती है. इस बार फसल तो बेहतर हुई थी, लेकिन बाजार में दाम न के बराबर होने के चलते किसानों की मेहनत पर पानी फिरता हुआ दिख रहा है. बाजार में किसानों को पांच रुपये प्रति किलो के हिसाब से अपना टमाटर बेचना पड़ रहा है, जिसके चलते किसानों की लागत मूल्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है.

चंबा की सब्जी मंडियों में किसानों को सहीं दाम नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसानों को मजबूर होकर एक सौ बीस रुपये किलो का डिब्बा मात्र एक सौ रुपये में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सब्जी मंडियों की मनमानी के चलते किसान अपनी फसल को बाहर ले जाने में कतरा रहे हैं और सब्जी मंडी वाले किसानों की मजबूरी का भरपूर लाभ उठा रहे हैं.

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वहीं, किसानों की फसल (Crop) को बर्बाद करने में बारिश भी अपना बड़ा रोल अदा कर रही है. बता दें कि चंबा जिला के तीसा भरमौर पांगी सलूणी जैसे ग्रामीण इलाकों में बारिश के चलते रास्ते बंद हो जाते हैं और दो से तीन दिन तक नहीं खुलते हैं.

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