चंबा: कोविड-19 के चलते बनी परिस्थितियों में कृषि और बागवानी के अलावा अन्य किसी भी किस्म के स्वरोजगार को शुरू करने की दिशा में जिला प्रशासन वन स्टॉप सॉल्यूशन के तौर पर सुविधा उपलब्ध करने के लिए कॉल सेंटर स्थापित करेगा. इससे अपना स्वरोजगार चलाने वाले लोगों को विभागीय कार्यालय में जाने के बजाय कॉल सेंटर के माध्यम से जानकारी और मार्गदर्शन मिल सकेगी.
उपायुक्त विवेक भाटिया ने स्वरोजगार के स्थानीय स्तर पर अधिकाधिक अवसर जुटाने के मकसद से विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि भारत निर्माण सेवा केंद्र के तहत इसकी स्थापना की जाएगी.
उपायुक्त ने कहा कि स्वरोजगार के अवसर देने से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी इस दिशा में हासिल किए गए व्यावहारिक आउटकम की डेली डायरी भी तैयार करें और अगली बैठक में इसका ब्यौरा प्रस्तुत करें.
उपायुक्त ने विशेष तौर से कृषि और बागवानी विभागों को बल्क एसएमएस की व्यवस्था शुरू करने के लिए कहा, ताकि लाभार्थी को किसी भी स्कीम के तहत पंजीकृत करने के बाद से लेकर व्यवसाय शुरू करने तक एसएमएस के माध्यम से मार्गदर्शन होता रहे.
उपायुक्त चंबा ने उद्योग और सहकारिता विभागों के अलावा डीआरडीए, खादी बोर्ड, खादी एवं ग्राम उद्योग विकास निगम समेत अन्य विभागों को भी निर्देश दिए कि वे जिले के दस्तकारों की सूची तैयार करें. उन्होंने विभागीय योजना के तहत उन्हें टूलकिटें उपलब्ध करने के लिए भी कहा.
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उपायुक्त ने बताया कि चंबा, खजियार और डलहौजी में बनने वाली आधुनिक आउटलेट की सुविधा का इन दस्तकारों द्वारा तैयार बेहतरीन और विपणन योग्य विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित और बिक्री करने के लिए किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि चंबा जिला में पैदा होने वाले उच्च गुणवत्ता के राजमाह और गुच्छी के एकत्रीकरण से लेकर उसमें वैल्यू एडिशन, पैकेजिंग और मार्केटिंग को लेकर भी एक प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा, ताकि इन दोनों उत्पादों की मौजूदा कीमत से अच्छी कीमत लोगों को मिल सके. डीसी ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग ने भी इसको लेकर निर्देश दिए हैं.
डीसी चंबा ने सभी विभागीय अधिकारियों को कहा कि जिले में मौजूद स्किल्ड मैन पावर को स्वरोजगार से जोड़ने को लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जाएं. उन्होंने जल विद्युत कंपनी को भी रोजगार मेला आयोजित करने के लिए कहा, ताकि जिला के पॉलिटेक्निक और आईटीआई से प्रशिक्षित युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके.
बैठक के दौरान उपायुक्त ने परेल स्थित दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट को दोबारा कार्यशील करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने इस काम के लिए 15 अगस्त तक का लक्ष्य देते हुए कहा कि इसे कार्यशील बनाने के लिए आवश्यक धनराशि भी मुहैया कर दी जाएगी.
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चंबा जिला में अन्य जिलों की तुलना में ऊन की अधिक मात्रा की उपलब्धता को देखते हुए चंबा में ऊन प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने को लेकर भी उपायुक्त ने हिदायत दी. उन्होंने कहा कि ऊन की आधुनिक तरीके से प्रोसेसिंग करके इसके उत्पादों को आकर्षक फिनिशिंग देकर बिक्री के लिए तैयार किया जाए और उनके बढ़िया दाम भी मिलें.
उपायुक्त ने यह भी कहा कि जिस गरीब परिवार में घर का खर्च चलाने वाला व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी के चलते लाचार अवस्था में हो उस परिवार के लिए पशुपालन विभाग दुधारू पशु अनुदान पर उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे, ताकि परिवार दूध उत्पादन से परिवार का पालन पोषण करने में सक्षम हो सके.
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