हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

श्रावण अष्टमी नवरात्र शुरू, नैना देवी मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ की जा रही मां की पूजा - corona virus

मंगलवार से श्रावण अष्टमी नवरात्र शुरू होते ही विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में विशेष पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया है. कोरोना वायरस के चलते इस बार श्रद्धालु माता के दर्शन नहीं कर पाएंगे.

Shravan Ashtami Navratri begins at Naina Devi Temple
नैना देवी मंदिर.

By

Published : Jul 21, 2020, 6:22 PM IST

बिलासपुर: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में मंगलवार से श्रावण अष्टमी नवरात्रों की शुरुआत हो गई है. कोरोना संकट को देखते हुए भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे. मंदिर में कोरोना वायरस के चलते पूरे विधि-विधान के साथ रोजना माता की पूजा अर्चना की जा रही है. मंदिर में श्रावण अष्टमी को प्राचीन परंपराओं के मुताबिक शुरू किया गया.

बता दें कि शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में सुबह की आरती और झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ ही श्रावण अष्टमी नवरात्रों का आगाज हुआ. मंदिर को फूलों और गुब्बारों से सजाया जा रहा है, लेकिन पूजा अर्चना और आरती में सिर्फ स्थानीय पुजारियों और सुरक्षा कर्मियों ने ही भाग लिया. कोविड-19 महामारी के चलते इस बार श्रावण अष्टमी नवरात्र में श्रद्धालु माता नैना देवी के दर्शन नहीं कर पाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट.

गौर रहे कि शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में श्रावण अष्टमी 21 जुलाई से 29 जुलाई तक मनाई जाएगी. हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में लगने वाला यह सबसे बड़ा मेला है, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते मंदिर के मुख्य द्वार बंद हैं और श्रद्धालुओं को मंदिर में आने पर मनाही है, ऐसे में मंदिर पुजारी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही माता की पूजा-अर्चना कर संसार के कल्याण की कामना करेंगे.

हर साल इन नवरात्रों पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और अन्य राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु माता नैना देवी के दर्शनों के लिए पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते श्रद्धालुओं को माता के दर्शनों से महरूम रहना पड़ेगा. वहीं, मंदिर में अगले 10 दिनों तक पूजा-पाठ विधिवत चलता रहेगा.

ये भी पढ़ें:कोरोना ने धर्मशाला से मैक्लोडगंज रोपवे के निर्माण कार्य पर लगाई ब्रेक, अब 2021 तक पूरा होगा काम

ABOUT THE AUTHOR

...view details