बिलासपुरःजिला बिलासपुर निजी बस ऑपरेटर यूनियन के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार मिंटू ने प्रैस को जारी बयान में कहा है कि उन्होंने सदा सरकार के आदेशों की पालना की है. प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी में प्रदेश में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए 60 प्रतिशत सवारियों के साथ जनता को 1 जून 2020 को बस सुविधा देने का आदेश जारी किया है, जोकि निजी बस ऑपरेटरों के साथ अन्याय है.
उनकी बसें स्टेज कैरीज है और यह एक ही रूट पर चलती हैं. जिसमें जगह-जगह पर सवारियों को उतारना और चढ़ाना होता है. बस के रूट में रूटीन में पहली स्टेज से 5 या 10 प्रतिशत सवारी ले कर चलती है और अंत तक 90 या 100 प्रतिशत तक पहुंचती है, जो पूरे रूट की औसत 60 प्रतिशत होती है.
कोरोना बीमारी के चलते हम कैसे सुनिश्चित करें कि 60 प्रतिशत सवारी लेकर बस अपने स्थान तक पहुंचेगी. इस दौरान यह 20 से 30 प्रतिशत सवारी लेकर पहुंचेगी. इससे तो आपरेटरों के खर्चे पूरे होना नामुमकिन है. आर्थिक मंदी में ऑपरेटर मरने को मजबूर हो जाएंगे.
अनिल शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. हिमाचल पथ परिवहन के स्टाफ का बीमा 50 लाख का कर दिया और निजी बस के स्टाफ का कोई बीमा नहीं किया. जबकि इस कोरोना बीमारी मे निजी बसें अन्य राज्यों में में लोगों को छोड़ने और लाने गई हैं.