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बिलासपुर AIIMS में बौद्धिक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए चिकित्सा शिविर का आयोजन - टोक्यो पैरालंपिक 2020

बिलासपुर एम्स में मंगलवार को बौद्धिक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पूर्ण दिवसीय मल्टी स्पेशलिटी चिकित्सा शिविर (Medical Camp organized at AIIMS Bilaspur) का आयोजित किया गया. इस शिविर की अध्यक्षता प्रदेश सरकार की सामाजिक, न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री सरवीन चौधरी ने की और खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग मंत्री राजेंद्र गर्ग भी शिविर में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

Medical Camp organized at AIIMS Bilaspur
बिलासपुर एम्स में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए चिकित्सा शिविर का आयोजन.

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Published : Apr 5, 2022, 6:47 PM IST

बिलासपुर:बिलासपुर एम्स में मंगलवार को बौद्धिक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पूर्ण दिवसीय मल्टी स्पेशलिटी चिकित्सा शिविर (Medical Camp organized at AIIMS Bilaspur) का आयोजित किया गया. इस शिविर की अध्यक्षता प्रदेश सरकार की सामाजिक, न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री सरवीन चौधरी ने की और खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग मंत्री राजेंद्र गर्ग भी शिविर में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. शिविर का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में किया गया.

इस अवसर पर मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास के लिए वचनबद्ध है. दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ उन्हें लाभान्वित कर समाज की मुख्यधारा में लाकर उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार के 'दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016' (Rights of Persons with Disabilities Act 2016) को अक्षरशः लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि दिव्यांगता बच्चों की शिक्षा प्राप्ति में बाधा न बने तथा ऐसे बच्चे एंव व्यक्ति शिक्षा प्राप्त कर स्वावलंबी बन सकें, इस उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा विविध कदम उठाए जा रहे हैं.

बिलासपुर एम्स में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए चिकित्सा शिविर का आयोजन.

जिस के तहत सभी दिव्यांग बच्चों के लिए प्राथमिक स्तर से विश्वविद्यालय स्तर तक टयूश्न फीस नहीं ली जा रही है और शिक्षा ग्रहण करने के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बिना किसी आय सीमा के 625 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्तियां भी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि विश्व भर में दिव्यांगजनों ने अपने अंदर की शक्ति को पहचान कर पूरी दुनिया में चमत्कार करके दिखाया है और अनेक क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. उन्होंने कहा कि आइंस्टीन भी एक समय मानसिक रूप से बेहद कमजोर माने जाते थे. लेकिन बाद में यही आइंस्टीन दुनिया के एक महान वैज्ञानिक बने.

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के किसान के बेटे ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 (tokyo paralympics 2020) में उंची कूद में सिलवर मेड़ल जीतकर इतिहास रचा था. वहीं, ऊना जिले के अंब निवासी निषाद पहले हिमाचली खिलाड़ी बने, जिन्होंने 2.06 मीटर उची कूद लगाकर एशियन रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में अबू धाबी में आयोजित स्पेशल ओलंपिक खेलों में हिमाचल प्रदेश के विशेष सक्षम प्रतिभावान खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 12 पदक जीत कर प्रदेश को गौरवान्वित किया है.

उन्होंने कहा कि स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्षा एवं चेतना संस्था की संस्थापक सचिव मल्लिका नड्डा के निर्देशों के अनुसार आयोजित किया जा रहा है और पूरे भारत में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि चेतना संस्था तथा स्पेशल ओलंपिक भारत का हिमाचल चैप्टर अपनी भूमिका बखूबी अदा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि विशेष ओलंपिक भारत के इस प्रयास को मान्यता देने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया जा रहा है.

वहीं, इस अवसर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेंद्र गर्ग (Rajinder Garg at AIIMS Bilaspur) ने कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं. बौद्धिक दिव्यांग बच्चों ने चेतना संस्था के माध्यम से विशेष ओलंपिक प्रतिस्पर्धाओं में राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर अनेक मेडल जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि आज चेतना संस्था की प्रदेश सहित पूरे देश में पहचान बन चुकी है. उन्होंने कहा कि शिविर में दिव्यांग बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए. चिकित्सा शिविर में लगभग 354 से अधिक बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के दांतों और स्वास्थ्य की जांच की गई.

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