बिलासपुर: श्री नैना देवी में नवरात्र पूजन करने के बाद विधानसभा क्षेत्रनैना देवी के विधायक (MLA from assembly constituency Naina Devi) एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता ठाकुर रामलाल ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नवरात्रि के दौरान पुलिस और प्रशासन द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि एक तरफ से मंदिर प्रशासन पुजारियों को मंदिर में हवन करने पर मना करता है. मंदिर में लंगर बंद है. श्रद्धालुओं को भूखे दरबार से लौटना पड़ रहा है, इसके अलावा कोलां बाला टोबा से ऊपर श्रद्धालुओं की गाड़ियों को अनुमति नहीं प्रदान की जा रही है.
रामलाल ठाकुर ने कहा अगर यही हाल रहा तो श्रद्धालुओं में जो निराशा देखने को मिल रही है, उससे इस धार्मिक स्थल की अच्छी छवि अन्य प्रदेशों में नहीं जा रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने ज्वालाजी में हवन यज्ञ करने की बात कही थी, लेकिन अधिकारी उसे अमलीजामा नहीं पहना रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में अधिकारियों का बोलबाला है. मुख्यमंत्री के आदेशों की पालना नहीं की जा रही है. मंत्रियों के आदेशों की पालना नहीं की जा रही है.
रामलाल ने कहा कि वह कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Cabinet Minister Mahender Singh Thakur) से पूछना चाहते हैं कि क्यों प्रदेश में मंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों की पालना प्रशासनिक अधिकारी नहीं करते. क्या सरकार नाम की कोई चीज हिमाचल प्रदेश में नहीं है. इस दौरान रामलाल ठाकुर ने कहा कि अगर आप हिमाचल सीमा से आगे टोबा से आगे देखेंगे तो पंजाब सीमा में जगह-जगह लंगर लगे हैं और लोगों के खानपान की व्यवस्था है, लेकिन हिमाचल प्रदेश सीमा में क्या ज्यादा करोना फैल रहा है जिस कारण यहां पर रोक लगी है.विधायक ने कहा कि अगर बैठाकर लंगर नहीं करवा सकते तो पैकिंग फूड की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए होनी चाहिए, क्योंकि होटलों में ढाबों में ज्यादा पैसा श्रद्धालुओं से वसूला जा रहा है. इसके चलते श्रद्धालुओं में भारी रोष है. रामलाल ने कहा कि मंदिर अधिकारी पद कई वर्षों के बाद यहां पर फिर से भरा है. हालांकि उन्होंने कई बार इसके लिए विधानसभा में आवाज उठाई है, लेकिन विधानसभा में मंत्रियों के द्वारा गलत जवाब दिया गया और कहा गया कि श्री नैना देवी में मंदिर अधिकारी का पद ही सृजित नहीं है.
रामलाल ने कहा कि हमने विधानसभा में भी कहा कि यह यहां पर 22 मंदिर अधिकारी रह चुके हैं और प्रशासनिक अधिकारी मंत्रियों को भी गुमराह करने की आंकड़े प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन को पुलिस को बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए ताकि हीमाचल प्रदेश की छवि बाहर प्रदेशों में खराब न हो और आने वाले समय में श्रद्धालु यहां आने से नहीं कतराएं.
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