बिलासपुर:मनरेगा योजना के तहत जिला बिलासपुर में चालू वित्त वर्ष के दौरान अभी तक लगभग 10 करोड़ 38 लाख रुपये की राशि विभिन्न विकास कार्याें पर खर्च की गई. यह जानकारी ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पशु पालन एवं मत्स्य पालन विभाग मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने रविवार जिला परिषद भवन में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में अभी तक मनरेगा के तहत 2 लाख 79 हजार 742 कार्य दिवस अर्जित कर लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया. बीते वित्त वर्ष के दौरान जिला में मनरेगा के तहत 23 करोड़ 30 लाख रुपये की राशि व्यय की गई. पंचवटी योजना के तहत 10 गांवों में पार्क निर्माण केन्द्र और मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के तहत 1059 जगहों को चिन्हित किया गया है.
275 स्वयं सहायता समूहों के गठन का लक्ष्य
मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका योजना के तहत जिला में 275 स्वयं सहायता समूहों के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसमें से अभी तक 82 समूहों का गठन का लिया गया है और उन्हें 33 लाख रुपये की राशि परिचालन के लिए उपलब्ध करवाई गई है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बीते वित्त वर्ष के दौरान 14 आवास के निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई जिसमें से 6 आवास कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है, शेष का कार्य प्रगति पर है. इसी प्रकार मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गत वित्त वर्ष के दौरान 77 मकान निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन विभाग लोगों को राजेगार उपलब्ध करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाग रहा है.
मत्स्य मंडल बिलासपुर
मत्स्य मंडल बिलासपुर के तहत दो जलाशय और एक मत्स्य बीज प्रजन्न केन्द्र आते हैं. उन्होंने बताया कि दोनों जलाशय में 10 प्रकार की मछलियां पाई जाती है. दोनों जलाशयों में 41 मत्स्य सहकारी सभाएं कार्यरत है. जिनमें लगभग 2599 मछुआरे, मत्स्य आखेर से आजिविका प्राप्त करके अपने परिवारो का भरण पोषण करते हैं.
गत वित्त वर्ष में गोविन्द सागर जलाशय में कुल 237.76 मिट्रिक टन व कोल डैम जलाशय में 9.2 मिट्रिक टन मत्स्य उत्पादन हुआ. चालू वित्त वर्ष के दौरान 15 जून, 2020 तक 73.13 मिट्रिक टन मत्स्य उत्पादन हुआ है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है.
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि समीप क्षेत्रों में अधिकतम विकास के कार्य पंचायतों के माध्यम से ही किए जा रहे है, जिनके लिए जहां नए पंचायत घरों का निर्माण किया जा रहा है. वहीं, पंचायत भवन का संबर्धन भी किया जा रहा है.