बिलासपुर/शिमला:हिमाचल प्रदेश की सरकारी अस्पतालों में आज मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. शिमला, सोलन, बिलासपुर से लेकर कई जिलों के सरकारी अस्पतालों में बकाया नहीं मिलने से क्रसना पैथोलॉजी लैब ने निशुल्क टेस्ट की सुविधा बंद कर दी है. जिसकी वजह से कई मरीजों को प्राइवेट लैब में टेस्ट करवाने पड़ रहे हैं.
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में भी मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. शिमला के सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी टेस्ट और एक्स-रे के लिए अनुबंधित कंपनी क्रसना ने पेमेंट नहीं मिलने के कारण काम बंद कर दिया है. इससे लगभग 700 में टेस्ट और एक्स-रे नहीं हो रहे. सभी अस्पतालों में दोपहर 12 बजे तक सरकारी लैब में टेस्ट होते हैं. इसके बाद प्राइवेट क्रसना लैब टेस्ट करती है.
क्रसना पैथोलॉजी लैब ने पहले ही अपनी सेवाएं बंद करने के लिए सरकार और NHM यानी नेशनल हेल्थ मिशन को नोटिस दे दिया था. नोटिस में कहा गया है कि चार-पांच महीने से करीब 40 करोड़ की पेमेंट का भुगतान नहीं किया गया. जिससे काम चलाना मुश्किल हो गया है. बकाया पेमेंट क्लियर करने के लिए बार-बार पत्र लिखा जा रहा है. इसके बावजूद सरकार इस पर गौर नहीं कर रही है. इस वजह से सेवाएं बंद करनी पड़ रही हैं.
क्रसना लैब के काम बंद करने से आज लाहौल स्पीति और किन्नौर जिले को छोड़कर प्रदेशभर में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. अकेले आईजीएमसी शिमला में रोजाना 3500 से 4000 से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं. इसी तरह प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में भी रोजाना 500 से 2500 मरीज रोजाना ओपीडी में पहुंचते हैं. आईजीएमसी शिमला में मरीज पहले ही लगभग 150 डॉक्टरों के छुट्टी जाने से परेशान हैं. अब क्रसना लैब के काम रोकने से इनकी परेशानियां ओर बढ़ गई है. शिमला के दीन दयाल उपाध्याय और राज्य स्तरीय कमला नेहरा गायनी अस्पताल में भी मरीजों को परेशान हो रही है.