हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल में उगा दी दक्षिणी भारत में होने वाली कॉफी की फसल, बिलासपुर के डॉ. विक्रम ने पेश की मिसाल - हिमाचल

जंगली जानवरों और आवारा पशुओं के कहर से प्रदेश के किसान बेहाल हैं, उनके पास सिवाए पारंपरिक कृषि के अलावा कोई आय को बढ़ाने का विकल्प भी नहीं है. अब इन किसानों के लिए कॉफी की फसल वरदान साबित हो रही है.

कॉफी की फसल

By

Published : May 28, 2019, 12:39 PM IST

बिलासपुरः दक्षिण भारत में पैदा होने वाली कॉफी की फसल अब हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों में भी लहलहा रही हैं. जहां हिमाचल प्रदेश के किसान जंगली जानवरों के नुकसान के कारण खेतीबाड़ी छोड़ चुके हैं तो वहीं, करीब 65 प्रतिशत प्रदेश की भूमि बंजर हो चुकी है.

जंगली जानवरों और आवारा पशुओं के कहर से प्रदेश के किसान बेहाल हैं, उनके पास सिवाए पारंपरिक कृषि के अलावा कोई आय को बढ़ाने का विकल्प भी नहीं है. आज की परिस्थिति पर नजर डालें तो पिछले कई वर्षों से प्रदेश सरकारों ने केवल कुछ ही योजनाओं पर ही काम किया है.

कॉफी की फसल

धरातल पर इन योजनाओं से किसानों को मदद नहीं मिल पाई. जिस कारण आज प्रदेश के किसान कृषि बागवानी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. अब इन किसानों के लिए कॉफी की फसल वरदान साबित हो रही है. बिलासपुर के घुमारवीं उपमड़ल की पंचायत मराहणा के गांव मजौटी के रहने वाले डॉ. विक्रम शर्मा ने अपने घर में कॉफी का उत्पादन कर एक मिसाल कायम की है.

डॉ. विक्रम, कॉफी उत्पादक

शर्मा ने खुद कॉफी के पौधों को उगाने के साथ हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों के लिए मुफ्त में पौधे बांटकर किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने का बीड़ा उठाया और आज क्षेत्र के विभिन्न किसानों ने उतपादन शुरू किया गया है.

हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक व पर्यावरण परिस्थितियों को देखते हुए पिछले 17 वर्षों से वाणिज्यिक कृषि बागवानी के शोध व प्रसार में लगे डॉ. विक्रम शर्मा ने बताया कि अब उन्होंने प्रदेश की बंजर भूमि को युवाओं की समृद्धि से जोड़ने का बीड़ा उठाया है.

डॉ. विक्रम ने कहा कि उन्होंने 17 वर्ष पहले हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों में कॉफी जैसी अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक फसल का सफल ट्रायल भी किया था, जिसके लिए भारत के प्रधानमंत्री ने उन्हें कॉफी बोर्ड के निदेशक मंडल में पहली बार उत्तरी भारत से प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है, लेकिन इसके बावजूद पिछली सरकारों ने कॉफी जैसी महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसल पर ध्यान देना उचित नहीं समझा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details