बिलासपुर: अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले (Avalanche in Kameng region) में भारत-चीन सीमा (Arunachal Pradesh Avalanche) पर हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता सात सैनिकों के शव मिल गए हैं. इन सैनिकों में हिमाचल के बिलासपुर जिले के सेऊ गांव का एक जवान अंकेश भारद्वाज भी शामिल है. यह जानकारी भारतीय सेना ने मंगलवार को दी है. जवान की मौत की खबर मिलते ही पूरे इलाके में गम का माहौल है. मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.
अंकेश (Himachal jawan Ankesh) का जन्म 6 सितंबर 2000 को हुआ. तीन साल पहले साल 2019 में अंकेश जैक-19 रायफल में भर्ती हुए थे. जवान अंकेश भारद्वाज (ankesh martyred in snow storm in arunachal) के पिता पांचा राम भी बीएसएफ से रिटायर्ड हैं. सेना ने बयान में कहा कि, सभी सात लोगों के शव हिमस्खलन स्थल से बरामद कर लिए गए हैं. दुर्भाग्य से इसमें शामिल सभी लोगों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद सातों को बचाया नहीं जा सका.
6 फरवरी को अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सेक्टर के ऊंचाई वाले इलाके में एक गश्ती दल के सात सैन्यकर्मी हिमस्खलन (Snow storm in Arunachal) की चपेट में आ गए थे. 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस इलाके में पिछले कुछ दिनों से खराब मौसम के साथ भारी बर्फबारी हो रही थी. सेना ने कहा, सैनिकों के शवों को आगे की औपचारिकताओं के लिए हिमस्खलन स्थल से निकटतम सैन्य चिकित्सा सुविधा में स्थानांतरित किया जा रहा है.
सुरक्षा बल ने कहा कि क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से भारी बर्फबारी के साथ खराब मौसम बना हुआ है. अरुणाचल प्रदेश आम तौर पर पश्चिम में कामेंग क्षेत्र और शेष अरुणाचल प्रदेश में विभाजित है. सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सहित 1,346 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना की पूर्वी कमान निगरानी करती है. एलएसी को संभालने के लिए इस कमांड में तीन कोर हैं - 33 कोर (सिक्किम), 4 कोर (कामेंग सेक्टर) और 3 कोर (शेष अरुणाचल प्रदेश).
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