ऊनाःजिला में राष्ट्रीय केंद्रीय मजदूर यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. इस दौरान यूनियन ने सरकार पर मजदूरों के खिलाफ नए कानून लाने का विरोध किया.
मजदूर संघ का कहना है कि आज देश महामारी के संकट से गुजर रहा है और केन्द्र सरकार जनता को राहत देने की बजाय आम जनता के बुनियादी ढांचे को ही बड़े पैमाने पर कानूनों को लाकर पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के समूहों के हवाले कर रही है.
मजदूर संघ के नेता गुरनाम सिंह ने बताया कि श्रम कानूनों को रद्द कर दिया गया है और उसके जगह चार लेबर कोड को लागू किया जा रहा हैं, जो मजदूर को गुलामी की ओर ले जाने का प्रयास है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सार्वजिनक क्षेत्र को बेचा जा रहा हैं, जो पूरी अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के समूहों के हवाले कर करना है. खेती के लिए कानूनों को रद्द कर दिया गया है और उसकी जगह पर नये कानूनों को लागू करने के लिए तानाशाही तरीके से बिल पास किए जा रहे हैं.
इसके अलावा गुरनाम सिंह ने कहा कि बड़े पैमाने पर श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है, जोकि मजदूरों के खिलाफ साजिश है, उस पर तुरन्त कार्रवाई होनी चाहिए.
इस दौरान उन्होंने मांग करते हुए कहा कि 50 वर्ष की आयु व 30 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले नियमित सरकारी छंटनी व जबरन रिटायरमेंट पर रोक लगाई जाए.
गुरनाम सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के कारण जिन स्कूलों को बंद करने की सिफारिश की गई है. इससे उसमें काम करने वाले मिड डे मील वर्कर और आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारी के रोजगार खत्म हो जायेंगे. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मल्टी टास्क कर्मचारी जो स्कूल में रखने के लिए भर्ती हो उसमें मिड डे मील वर्कर को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.