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सोलन: नालागढ़ ट्रक यूनियन ने औद्योगिक संगठनों पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप - बीबीएन ट्रक यूनियन किराया छूट

औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में ट्रक ऑपरेटर यूनियन की ओर से माल भाड़े में छूट को वापस लेने के बाद उठे विवादों के बीच औद्योगिक संगठनों के बाद यूनियन ने भी जवाबी हमला बोल दिया है. नालागढ़ ट्रक ऑपरेटर यूनियन ने बीबीएन के औद्योगिक संगठनों पर इस मामले में भ्रम फैलाने और माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है.

Nalagarh Truck Union press conference
Nalagarh Truck Union press conference

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Published : Aug 25, 2020, 5:16 PM IST

सोलनःऔद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में ट्रक ऑपरेटर यूनियन की ओर से माल भाड़े में छूट को वापस लेने के बाद उठे विवादों के बीच औद्योगिक संगठनों के बाद यूनियन ने भी जवाबी हमला बोल दिया है. नालागढ़ ट्रक ऑपरेटर यूनियन ने बीबीएन के औद्योगिक संगठनों पर इस मामले में भ्रम फैलाने और माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है.

यूनियन का कहना है कि बीबीएन उद्योग संघ के साथ साल 2019 में शर्तों के साथ भाड़े में छूट की सहमति बनी थी, लेकिन उद्योग संघ के सदस्यों ने शर्त पूरी नहीं की, जबकि यूनियन द्वारा कई बार उन्हें इस बारे चिट्ठी के माध्यम से अवगत कराया गया है.

वीडियो.

ट्रक यूनियन के अध्यक्ष विद्या रतन महासचिव जगदीश चंद्र, उपप्रधान भाग सिंह चौधरी व अन्यों ने कहा कि बीबीएनआई सहित अन्य उद्योग संघ द्वारा जो आरोप ट्रक यूनियन पर लगाए गए हैं, वह निराधार हैं. उन्होंने बताया कि साल 2019 में ट्रक यूनियन ने माल भाड़े में छूट कुछ शर्तों के साथ लागू की थी और बकायदा बीबीएनआईए की इन शर्तो पर सहमति दी थी.

यूनियन के प्रधान विद्या रतन ने कहा कि उन्होंने तो सहमति के बाद छूट को लागू तो कर दिया, लेकिन यह एक तरफा ही रहा. बीबीएनआइए को उनकी शर्तें बार-बार याद करवाई गईं, लेकिन उद्योग संघ का रवैया ढुलमुल रहा यूनियन का कहना है कि उद्योगपतियों का सरकार पर उंगली उठाना भी सरासर गलत है. यूनियन द्वारा जो भाड़ा 1982 में सरकार की मध्यस्था से तय किए गए थे, आज भी वही रेट चल रहे हैं, उनमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है.

वहीं, यूनियन के सदस्यों ने ट्रक ऑपरेटर यूनियन को मुट्ठी भर लोगों की संस्था कहने पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि यूनियन से 10 हजार ट्रक मालिकों और 50 हजार लोगों का घर चलता है और यूनियन दशकों से कार्य कर रही है. इस दौरान कई उद्योग लगे और बंद हुए. यूनियन का कहना है कि वे किसी तरह का टकराव नहीं चाहते, लेकिन यूनियन को कमजोर भी ना समझा जाए.

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