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कोटबेजा स्कूल में बच्चों पर रंगड़ों ने किया हमला, रोते बिलखते पहुंचे अस्पताल

hornet attack on children in kotbeja school, सोलन के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटबेजा करीब 12 विद्यार्थियों पर रंगड़ों ने हमला कर दिया. जिसके बाद स्कूल प्रशासन द्वारा उन्हें इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र कोटबेजा लाया गया. सभी विद्यार्थियों का स्वास्थ्य स्थिर बताया जा रहा है. पढे़ं पूरा मामला..

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कोटबेजा स्कूल में बच्चों पर रंगड़ों ने किया हमला

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Published : Aug 20, 2022, 10:21 PM IST

सोलन:राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटबेजा में एक दर्जन विद्यार्थियों पर रंगड़ों ने हमला कर दिया. जिसके (hornet attack on children in kotbeja school) बाद स्कूल प्रशासन और अभिभावकों ने विद्यार्थियों को इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र कोटबेजा पहुंचाया, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है. सभी विद्यार्थियों का स्वास्थ्य स्थिर बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार कोटबेजा स्कूल में शनिवार दोपहर के समय जब विद्यार्थी लंच करने के बाद हाथ धोने के लिए नल के पास जा रहे थे, तो इस बीच एकदम से रंगड़ों के एक समूह ने विद्यार्थियों पर हमला कर दिया.

चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर स्कूल स्टाफ बाहर आया, जिसके बाद सभी विद्यार्थियों को कमरे में भेजा गया. वहीं, उसके बाद विद्यार्थियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटबेजा इलाज के लिए लाया गया. जहां पर उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया है. रंगड़ों ने 11 छात्राओं और एक छात्र को मुंह, सिर, बाजू पर काटा है. स्कूल की दीवार पर लगा रंगड़ों का छाता अगर स्कूल प्रशासन ने समय रहते हटा दिया होता तो ये घटना ना होती.

वहीं, विद्यालय की प्रधानाचार्या निरुपमा शर्मा ने (hornet attack on children in kotbeja school) बताया कि रंगड़ों ने स्कूल की 11 छात्राओं और 1 छात्र को काटा है जिनका इलाज पीएससी में करवा दिया गया है. उन्होंने कहा कि स्कूल की दीवार से रंगड़ों के छातों को हटा दिया जाएगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटबेजा के डॉक्टर आईपी सिंह ने बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं, उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया है.

बता दें कि वर्तमान में स्कूल में करीब 200 बच्चे पढ़ रहे हैं. स्कूल एसएमसी के पूर्व प्रधान महेंद्र ठाकुर ने दूरभाष पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुई बताया कि यह घटना स्कूल की लापरवाही से हुई है. उन्होंने कहा कि जब स्कूल की बिल्डिंग के सामने वाली दीवार पर रंगड़ों का छाता लगा था तो उसे दीवार से हटाने का प्रयास किया जाना चाहिए था. अगर ऐसा कर दिया होता तो आज ऐसी घटना न होती.

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