सोलन: डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में आईसीएआर के नेशनल एग्रीकल्चरल हायर एजुकेशन प्रोजेक्ट के तहत लगाया गया उच्च घनत्व सेब के बगीचे का उद्घाटन कुलपति डॉ. परविंदर कौशल द्वारा किया गया है. इसी दौरान परियोजना के तहत की जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें विश्वविद्यालय में शिक्षा वितरण प्रणाली छात्रों को नई सुविधाएं उपलब्ध करवाने संबंधित सूचना शमिल है.
गाला शीनको के 1000 से अधिक सेब के पौधे
फल विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और विभाग अध्यक्ष डॉ. डीपी शर्मा ने बताया कि इस बागीचे में EMLA 111 और EMLA 9 रूटस्टॉक पर जेरोमाइन, किंग रॉट, रेडवेलॉक्स, स्चेल्ट स्पर और गाला शीनको के 1000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं. वृक्षारोपण 1.5 x 2.5 मीटर और 1.5 x 2.0 मीटर की दूरी पर किया गया हैं.
उन्होंने बताया कि इस सेब के बगीचों को भविष्य में बागवानों को विभिन्न किस्मों की कलमें की आपूर्ति करने के लिए बड वूड बैंक के रूप में भी स्थापित किया जाएगा. साथ ही कहा कि इस बागीचे से हमें उच्च-घनत्व सेब की खेती में कौशल विकास के लिए छात्रों और बागवानों को प्रशिक्षण देने में मदद मिलेगी.
स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को प्रशिक्षित करने में मिलेगी मदद
डॉ. डीपी शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय ने नेशनल एग्रीकल्चरल हायर एजुकेशन प्रोजेक्ट के तहत बागवानी और वानिकी में कई सतत वृक्षारोपण मॉडल विकसित किए हैं. जिससे प्रोजेक्ट की अवधि के बाद भी ये सुचारु रूप से चलते रहेगें. उन्होंने कहा कि ये नया बगीचा ट्रेनिंग और पृनिंग, प्रजनन तकनीक और अन्य उन्नत तकनीकों की नई प्रणालियों पर सेब के कैनोपी प्रबंधन में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को प्रशिक्षित करने में मददगार होगा.
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