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हिमाचल बजट: GST का 1% व्यापारियों के वेलफेयर में हो खर्च, बनाया जाए रिटायरमेंट प्लान

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Published : Feb 21, 2022, 7:28 PM IST

23 फरवरी से हिमाचल में बजट सत्र शुरू होने वाला है. ऐसे में हर वर्ग के लोग इस बजट से उम्मीदें लगाएं बैठे है कि उन्हें इस बजट से कुछ न कुछ मिलने वाला है. वहीं, सोलन के व्यापारी (budget session in himachal) सरकार से चाहते हैं कि उन्हें जीएसटी रिटर्न भरने के लिए सरलीकरण का प्रावधान किया जाए. जिससे छोटे व्यापारियों को कुछ हद तक राहत मिल सके.

Expectations of Solan traders
हिमाचल बजट से सोलन के व्यापारियों की आस

सोलन:23 फरवरी से हिमाचल में बजट सत्र शुरू होने वाला है. ऐसे में हर वर्ग के लोग इस बजट से उम्मीदें लगाएं बैठे है कि उन्हें इस बजट से कुछ न कुछ मिलने वाला है. सोलन के व्यापारियों की अगर बात की जाए तो इस बार व्यापारियों ने फिर से हिमाचल बजट को लेकर कई उम्मीदें लगाई हैं. व्यापार मंडल सोलन के प्रधान कुशल जेठी ने कहा कि 23 फरवरी से बजट शुरू होने वाला है. ऐसे में अब वे सरकार से चाहते हैं कि उन्हें जीएसटी रिटर्न भरने के लिए सरलीकरण का प्रावधान किया जाए. जिससे छोटे व्यापारियों को कुछ हद तक राहत मिल सके.

जेठी ने कहा कि केंद्रीय बजट भी कुछ दिनों पहले पेश किया गया था, लेकिन (budget session in himachal) उस बजट से भी व्यापारियों को निराशा ही हाथ लगी. वहीं, अब हिमाचल सरकार का अंतिम बजट (Himachal government Last budget) पेश होने वाला है. ऐसे में व्यापारियों अपनी मांगों को लेकर सरकार से इस बजट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. वहीं, व्यापारी रोहित बट्टू ने कहा कि व्यापारी की मुख्य मांग जीएसटी में सरलीकरण (Simplification in GST) करने की है.

हिमाचल बजट से सोलन के व्यापारियों की आस

इसके अलावा व्यापारियों के लिए कोई ऐसा प्रावधान करें जिससे व्यापारी को भी एक पेंशन के रूप में कुछ पैसा मिल सके. व्यापारी विजय दुग्गल ने कहा कि व्यापारी सरकार को हर बार टैक्स पे करता है, लेकिन उसे फिर भी किसी तरह का कोई सहायता सरकार द्वारा नही की जाती है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक सरकारी कर्मचारी को अपना इलाज करवाने के लिए हिमकेयर कार्ड के माध्यम से कुछ न कुछ राहत दी जाती है. उसी तर्ज पर व्यापारियों के इलाज के लिए भी सरकार कोई योजना लेकर आए जिससे व्यापारी को भी इलाज करवाने में सरकार की ओर से कुछ मदद मिल सके.

वहीं, व्यापारी वीरेंद्र साहनी ने कहा कि बाजारों में लोग अब खरीदारी करने के लिए कम आते हैं, जिससे कहीं न कहीं छोटे व्यापारी के व्यवसाय पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि लोग बाजारों में कम आकर के ऑनलाइन शॉपिंग की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि इसे लेकर भी कोई ठोस नीति बनाई जाए. बहरहाल प्रदेश की जयराम सरकार का ये अंतिम बजट होने वाला है ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार किस तरह से बजट पेश करके लोगो की मांगों पर ध्यान देकर उन्हें राहत प्रदान करती है.

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