शिमला:World AIDS Day 2021: कुछ साल पहले शिमला के आईजीएमसी अस्पताल स्थित एंटी रेट्रो वायरल थैरेपी सेंटर में एक पुरुष अपने बच्चे के साथ रूटीन चेकअप और एड्स रोग से लड़ने में सहायक दवाइयां लेने के लिए आया था. उस समय हिमाचल के विख्यात मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विमल भारती एआरटी सेंटर की अगुवाई कर रहे थे. उन्होंने पौने घंटे तक उस मरीज की इतनी शानदार काउंसिलिंग की और हौसला (world aids day awareness) बढ़ाया कि संक्रमित व्यक्ति जीवन की आशा से भर गया. तब डॉ. विमल भारती ने कहा कि एड्स के खिलाफ जागरुकता, परामर्श, समय पर दवाई और खानपान के संतुलन से ये जंग जीती जा सकती है. सचमुच, हिमाचल ने इन्हीं के द्वारा एड्स के खिलाफ लड़ाई में शानदार काम किया है.
निरंतर जागरुकता और काउंसलिंग के कारण हिमाचल में अब एड्स को नियंत्रित (aids infection rate himachal) करने में अहम भूमिका निभाई है. यहां एक और बात का उल्लेख करना आवश्यक है. हिमाचल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन से एचआईवी संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है. इसका कारण ये है कि प्रदेश के सभी ब्लड बैंक बेहज सतर्क होकर काम करते हैं.
यहां डॉक्टर्स व तकनीशियनों की टीम पूरी जांच के बाद ही ब्लड जारी करते हैं. गौर करने की बात है कि हरियाणा व देश के अन्य राज्यों से संक्रमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन के कारण एचआईवी संक्रमण के कई मामले सामने आ चुके हैं. हिमाचल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल का कहना है कि प्रदेश में एड्स के खिलाफ निरंतर जागरुकता कार्यक्रम होते हैं. साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप अथवा अस्पतालों के ब्लड बैंक में खून देने आए डोनर की काउंसलिंग की जाती है. जांच का दायरा बढ़ाया गया है. यही कारण है कि एड्स के मामले कम हुए हैं.
हिमाचल में देश के मुकाबले औसत के लिहाज से काफी कम केस हैं. देश के राज्यों में भी हिमाचल की स्थिति बेहतर है. हिमाचल में स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. घनश्याम भी मानते हैं कि बेहतर प्रबंधन और समय पर जांच के कारण एड्स की रोकथाम में मदद मिली है. उन्होंने बताया कि इस समय एंटी रेट्रो वायरल थैरेपी सेंटर से एआरटी पर डाले गए मरीजों की संख्या 4752 है.