शिमला: विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा का संबंध हिमाचल प्रदेश से है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक समय हिमाचल भाजपा के प्रभारी रहे हैं. नरेंद्र मोदी के प्रभारी रहते ही हिमाचल में पहली बार भाजपा की सरकार पांच साल तक चली थी. ऐसे में छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश का देश की राजनीति में अहम स्थान है. इसी हिमाचल प्रदेश में आने वाले साल में विधानसभा चुनाव होने हैं. मौजूदा समय में जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री के रूप में कुर्सी पर विराजमान हैं. हालांकि भाजपा ने पिछली बार प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर घोषित कर चुनाव लड़ा था. धूमल सुजानपुर से चुनाव हार गए और प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई भाजपा को जयराम ठाकुर के रूप में नया चेहरा मिला.
हाल ही में चार उपचुनाव हुए और भाजपा सभी सीटों पर उपचुनाव हार गई. ऐसे में बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि मिशन रिपीट का नारा लेकर चल रही भाजपा की नैया पार लगाने के लिए हाईकमान किस चेहरे पर दांव लगाएगी. हालांकि समय-समय पर भाजपा हाईकमान यह स्पष्ट करती रही है कि जयराम ठाकुर ही मुख्यमंत्री रहेंगे. अभी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद भी हाईकमान से मिले संकेतों के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कैबिनेट के सहयोगियों को आश्वस्त किया है कि मंत्रिमंडल में किसी तरह का फेरबदल नहीं होगा और सभी लोग निश्चिंत होकर विकासात्मक परियोजनाओं पर काम करें.
ये सब बातें अपनी जगह हैं, लेकिन सत्ता के गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि 2022 के चुनाव में भाजपा का चेहरा जयराम ठाकुर ही होंगे या फिर आने वाले राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए हाईकमान केंद्र से जेपी नड्डा अथवा अनुराग ठाकुर को हिमाचल फतेह के लिए भेजती है. उपचुनावों में मंडी लोकसभा सीट और तीन सीटों पर विधानसभा चुनाव पर हार के बाद अगर पार्टी हाईकमान को विधानसभा चुनावों में हार का अंदेशा हुआ तो वह जयराम ठाकुर को बदलने में देर नहीं करेंगे, लेकिन जयराम ठाकुर साफ छवि और हाईकमान के साथ मधुर संबंध होने का कारण उनको इसका लाभ भी जरूर मिलेगा.
जयराम ठाकुर मंडी जिला से संबंध रखते हैं. 10 विधानसभा सीटों वाला यह प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है. इसके अलावा 2017 में विधानसभा चुनावों के बार जयराम को मुख्यमंत्री बनाने में भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी अहम योगदान रहा है. इसके अलावा पार्टी आला कमान के समक्ष भी जयराम ठाकुर की अच्छी छवि है. इन सभी बातों पर नजर दौड़ाएं तो जयराम ठाकुर फिर से जयराम ठाकुर को कमान सौंपी जा सकती है. लेकिन उपचुनावों में हार के बाद काफी कुछ बदल गया है.