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शिमला नगर निगम में पानी को लेकर हंगामा, मेयर सत्या कौंडल के वार्ड में बन रहे शौचालय पर उठा सवाल

राजधानी शिमला नगर निगम की बैठक में पानी सप्लाई को लेकर जोरदार हंगाम हुआ. हंगामा बढ़ता देख महापौर सदन छोड़कर बाहर चली गई. बाद में वापस कुछ पार्षद उन्हें लेकर आए. वहीं, उनके वार्ड में 30 लाख की लागत से बन रहे शौचालयों पर भी पाषर्दों ने सवाल उठाया.

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Published : Jul 30, 2021, 9:21 PM IST

शिमला: शहर में चल रही पानी की किल्लत को लेकर शुक्रवार को हुए नगर निगम (municipal Corporation) में खूब हंगामा हुआ. पार्षदों ने जमकर हंगामा किया और समय पर पानी की सप्लाई नहीं करने का आरोप लगया. बालूगंज वार्ड की पार्षद किरन बावा ने कहा कि उनके वार्ड में कभी तीन तो कभी 4 दिन बाद पानी की सप्लाई हो रही, जिसके चलते लोग काफी परेशान हैं. उन्होंने कहा कि बीते दिन उनके वार्ड मेंं पानी की सप्लाई रात एक बजे दी गई. उन्होंने एसजेपीएनएल (SJPNL) के अधिकारियों से सवाल पूछा की वह बताएं कि रात एक बजे कौन सी सप्लाई दी जाती है.

उन्होंने कहा कि वह वार्ड पार्षद हैं, ऐसे में लोगों के लिए उनकी जवाबदेही बनती है. न तो जेई, न एक्सईएन और न एसडीओ (SDO) उनका फोन उठाते हैं, ऐसे में वह क्या किया जाए. वहीं, मज्याठ वार्ड के पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने भी एसजेपीएनएल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो एसजेपीएनएल 24 घटें पानी देने की बात करता है, दूसरी तरफ शहर में लोगों को समय पर पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है.

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उन्होंने कहा कि उनके वार्ड में भी 4 दिन बाद सप्लाई आ रही है, जिससे लोग पेरशान हैं. वहीं, पानी के मुद्दे पर चल रहे हंगामे के बीच नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल ( Municipal Corporation Mayor Satya Kaundal) सदन की कार्यवाही छोड़ बाहर निकल गई. वहीं, कुछ पार्षदों ने उन्हें समझाकर हाउस में वापस बुलाया, जिसके बाद हाउस की कार्यवाही दोबार शुरू की गई.

पानी के मुद्दे पर मेयर ने पार्षदों को जवाब देते हुए कहा कि बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते जल परियोजनाओं में गाद आ गई थी, जिसके चलते पंपिग नहीं हो पाई और शहर में सप्लाई में परेशानी हुई. जिसका पार्षद किरन बावा (Councilor Kiran Bawa) ने फिर विरोध जताया. उन्होंने कहा कि बारिश के चलते सप्लाई नही हो पाई, लेकिन उनके वार्ड में तो बारिश से पहले भी 3 से 4 दिन बाद पानी मिल रहा था. मेयर सत्या कौंडल ने बताया कि हर वार्ड में पानी की सप्लाई की जा रही किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा.

हाउस में हिम कार्ड बनाने को लेकर भी हंगामा हुआ. पार्षदों से सवाल उठाए की अखिर कब लोगों को हिम केयर कार्ड बनाकर दिए जाएंगे. पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने कहा कि चार महीने बीत गए, लेकिन अभी तक लोगों को कार्ड नहीं मिले. उन्होंने कहा कि कार्ड की वैधता एक साल की होती है, लेकिन चार महीने तो पहले ही बीत गए और अभी तक कार्ड नहीं बनाए गए. उन्होंने कहा कि कार्ड बनाने के लिए लोगों से 1100 रुपए लिए गए. ऐसे में लोग उनपर पैसे खाने का आरोप भी लगा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अगर कार्ड बने हैं, तो जल्द से जल्द लोगों को मुहैया करवाए जाएं, नहीं तो लोगों के पैसे वापस दिए जाएं. वहीं, इस पर आयुक्त अशीष कोहली ने बताया कि इन कार्ड को बनाने का काम आईटी विभाग को सौंपा गया था, इस में निगम का काई काम नहीं था. उन्होंने कहा कि इस संबंध में आईटी विभाग को पत्र लिख कर जवाब मांगा जाएगा.

हाउस में कई पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया कि वार्ड में हो रहे कार्यक्रमों में वार्ड पार्षदों को ही नहीं बुलाया जाता. लोअर बाजार वार्ड के पार्षद इंद्रजीत सिंह ने आरोप लगाया कि हाल ही में उनके वार्ड में हिमुडा ने नई दुकानें बनाई, कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, लेकिन उन्हें न्योता नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि दुकानें बनवाने को लेकर उन्होंने ही दुकानें खाली करवा कर दी थी. ऐसे में अगर उनके वार्ड में हो रहे कार्यक्रम में उन्हें ही नहीं बुलाया जाता तो यह एक पार्षद के साथ भेदभाव है.

हाउस में नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल के वार्ड में 30 लाख की लागत से बन रहे शौचालय पर भी सवाल उठे. कई पार्षदों ने सवाल पूछा कि निगम बताए कि 30 लाख का टॉयलेट उनके वार्ड में ही क्यों बनाया जा रहा. पार्षदों ने कहा कि 30 लाख की लागत से एक घर बन जाता है. ऐसे में 30 लाख मात्र 1 टॉयलेट पर क्यों खर्च किए जा रहे. पार्षदों ने कहा कि शहर के कई अन्य वार्डों में भी शौचालयों की हालत खस्ता है, ऐसे में उनकी मरम्मत करवाकर, उन्हेें नए सिरे से बनाया जाना चाहिए. पार्षदों ने कहा कि शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाके लोअर बाजार, माल रोड और लक्कड़ बाजार में भी शौचालयों की हालत काफी खस्ता है, ऐसे में इनकी मरम्मत पर इस पैसे को खर्च किया जाना चाहिए.

शिमला शहर में नगर निगम ने अपनी दुकानों का किराया बड़ा दिया है. शहर में निगम की दुकानों का किराया बढ़ाने का फॉर्मूला नगर निगम की मासिक बैठक में मंजूर हो गया. शुक्रवार को निगम की मासिक बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा कर मंजूरी दे दी गई. नगर निगम की ओर से दुकानों पर बढ़े हुए किराए की दर 2018 से लागू होगी. इससे नगर निगम को एक साथ अच्छी खासी आय मिलेगी. हर दुकान से निगम को दो से तीन साल का किराया कम से कम मिलेगा, जो दुकानदान एडवांस में देना चाहते हैं. वे तीन साल का भी एक साथ दे सकेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा रिज मैदान पर दौलत सिंह पार्क में लगेगी. भाजपा शासित नगर निगम में ये प्रस्ताव कांग्रेस की पार्षद सिमी नंदा ने लाया. इस प्रस्ताव पर कांग्रेस के साथ भाजपा के पार्षदों ने भी अपनी सहमति दी. ध्वनिमत से निगम के सदन से ये प्रस्ताव पारित कर दिया. कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर सहित अन्य नेता लगातार ही इस मांग कर रहे थे.

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