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हिमाचल में ब्लड बैंकिंग सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार चलाने की मांग - शिमला लेटेस्ट न्यूज

उमंग फाउंडेशन ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को मांग पत्र सौंपा है. संस्था का अध्यक्ष का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के आदेशों को लागू किया जाए तो प्रदेश में रक्त की कोई कमी नहीं रहेगी.

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उमंग फाउंडेशन

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Published : Jan 30, 2021, 6:38 PM IST

शिमला: उमंग फाउंडेशन ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल से हिमाचल प्रदेश में ब्लड बैंकिंग व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप चलाने की मांग की है. उमंग फाउंडेशन ने स्वास्थ्य मंत्री को मांग पत्र सौंपा है.

ब्लड बैंक का नाम रखा जाए ब्लड सेंटर

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य में रक्तदान से संबंधित सरकारी व्यवस्था खुद कोमा में है. संस्था ने कहा है कि यदि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के आदेशों को लागू किया जाए तो प्रदेश में रक्त की कोई कमी नहीं रहेगी.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार बैंक का नाम ब्लड सेंटर किया जाए. उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं जुटाई जाएं. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी और अन्य प्रमुख अस्पतालों में कंपोनेंट थेरेपी पूरी तरह से लागू की जाए.

वीडियो.

उमंग फाउंडेशन ने स्वास्थ्य मंत्री को मांग पत्र सौंपा

स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह शीघ्र ही विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर फाउंडेशन के 15 सूत्रीय मांग पत्र पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे. मांगपत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केंद्र और राज्यों के स्तर पर रक्त संबंधी सभी कार्य करने की कानूनी जिम्मेवारी ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की है लेकिन हिमाचल प्रदेश में इस काउंसिल की 5 साल से कोई बैठक ही नहीं हुई है. यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला है.

ब्लड बैंक में सुविधाओं की कमी

प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में रक्तदान संबंधी मामलों को लेकर स्वास्थ्य निदेशालय का निकम्मापन मरीजों को बहुत महंगा पड़ रहा है. नियमानुसार सभी रक्त केंद्रों और रक्तदान शिविरों में हिमोग्लोबिन और ब्लड ग्रुप के अलावा रक्तदाता के वजन करने के लिए मशीन का होना आवश्यक है लेकिन यह सुविधाएं किसी भी ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्री ने दिया आश्वासन

समाज को रक्तदान के लिए जागरूक करने का कोई काम सरकारी स्तर पर नहीं किया जा रहा है. यहां तक कि इमरजेंसी में अस्पताल लाकर रक्तदान करने वाले लोगों को रक्तदान का प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जाता है. रक्तदाताओं को उनके ब्लड ग्रुप की जानकारी भी नहीं दी जाती है.

आईजीएमसी और अन्य ब्लड बैंकों में स्टाफ की भारी कमी है जिसे तुरंत दूर किया जाना चाहिए. लगभग 1 घंटे तक चली बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने हर मुद्दे पर विचार विमर्श किया और कहा कि सरकार इस मांग पत्र के आधार पर जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाएगी.

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