शिमला/नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के देहांत को भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधांशु मित्तल ने केवल बीजेपी की नहीं बल्कि देश की बड़ी क्षति बताया है. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज एक आदर्श व्यक्तित्व थीं. वह एक आदर्श नेता, कार्यकर्ता, महिला, दांपत्य जीवन की संगिनी एवं आदर्श भारतीय नारी का प्रतिबिंब थी. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग भगवान अब बनाता ही नहीं है.
'उन्हें केवल देश की चिंता थी'
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधांशु मित्तल ने बताया कि सुषमा स्वराज को किसी पद की चिंता नहीं थी. उन्हें अपने लिए कोई ख्याति नहीं चाहिए थी. उन्हें धन की अभिलाषा नहीं थी. उन्हें केवल देश की चिंता थी जिसने उन्हें बड़ा व्यक्तित्व बनाया.
विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने ऐसा इंतजाम किया कि लोगों को आसानी से पासपोर्ट मिल सके. इतना ही नहीं वह विदेश में फंसे प्रत्येक भारतीय के लिए तुरंत सक्रिय होती थीं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सैकड़ों की संख्या में विदेशों में फंसे लोगों की मदद की.
सबसे कम उम्र में बनी थीं मंत्री
सुधांशु मित्तल ने बताया कि सुषमा स्वराज सबसे कम उम्र में हरियाणा सरकार में मंत्री बनी थीं. उस समय वह महज 25 वर्ष की थीं. तभी वह भारतीय जनता पार्टी में आई थीं जब बीजेपी की केवल 2 सीटें संसद में थी. अपने श्रम और परिश्रम से उन्होंने आज बीजेपी को यहां तक पहुंचाया.