शिमला:स्टीविया की पत्तियां शुगर के मरीजों के लिए रामबाण की तरह हैं. स्टीविया की पत्तियों में चीनी से तीन सौ गुणा अधिक मिठास होती है. हिमाचल में पालमपुर में स्थित सीएसआईआर यानी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टैक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने स्टीविया की पत्तियों से काफी पहले पाउडर तैयार किया है. इसके अनेक औषधीय गुण भी हैं. देश विदेश में स्टीविया से बने शुगर फ्री प्रोडक्ट्स (sugar free product in Himachal) की भारी डिमांड है. अभी हिमाचल में गिने-चुने स्थानों पर ही स्टीविया की खेती होती है. यदि हिमाचल में कम से कम दो सौ एकड़ भूमि में स्टीविया उगाया जाए तो अकेला हिमाचल देश की स्टीविया जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो सकेगा
देश के अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में भी स्टीविया की खेती हो रही है. स्टीविया से अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां खुद किसानों से संपर्क करती हैं. हिमाचल प्रदेश में पालमपुर में वैज्ञानिकों ने स्टीविया की ऐसी किस्म (new variety of Stevia in Himachal) भी विकसित की है, जिसमेंकड़वाहट न के बराबर है. मंडी जिला के जोगिंद्रनगर स्थित नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के रीजनल डायरेक्टोरेट के अधिकारी कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में आगामी समय में किसानों को कम से कम 200 एकड़ जमीन पर स्टीविया की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. हिमाचल सरकार के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर का भी कहना है कि राज्य सरकार किसानों को स्टीविया की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है.
किसानों को स्टीविया पैदा करने के गुर सिखाए जा रहे हैं और साथ ही इससे मिलने वाले लाभ भी बताए जा रहे हैं. वीरेंद्र कंवर ने आशा जताई कि आने वाले एक दशक में हिमाचल प्रदेश स्टीविया की खेती में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में कामयाब होगा. मंत्री का कहना है कि स्टीविया की देश और विदेश में भारी डिमांड है. किसानों को इसके उत्पादन से अच्छे लाभ भी मिलेंगे. कई कंपनियां किसानों से संपर्क में हैं, लेकिन क्वालिटी लीव्स की जरूरत है. कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर खुद ऊना जिला से हैं और इस जिला की जलवायु स्टीविया उत्पादन के लिए अनुकूल है. हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा व सोलन जिला के गर्म इलाकों में किसानों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा. हिमाचल के इंडस्ट्रियल एरिया बीबीएन में एक उद्योग में स्टीविया (Stevia products in Himachal) लाइफ ब्रांड के नाम से प्रोडक्ट बन रहे हैं. उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर का कहना है कि उनका विभाग कृषि विभाग के साथ मिलकर इस अभियान में योगदान देगा.
ये भी पढ़ें-दांत और सरदर्द ही नहीं, और भी कई समस्याओं में राहत देता है लौंग का सेवन