शिमला: विश्वधरोहर कालका-शिमला ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने के लिए रेल मंत्रालय की मंजूरी के बाद भी गाड़ियों की स्पीड नहीं बढ़ाई जा रही है. अभी भी ट्रैक पर जो गाड़ियां चल रही हैं वह सभी पहले से ही तय स्पीड में ट्रैक पर चलाई जा रही है. ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड को ना बढ़ाए जाने के पीछे की वजह यह है की रेल मंत्रालय ने केवल नए कोचों में ही स्पीड बढ़ाने की मंजूरी दी है. लेकिन इस रूट पर ज्यादा नए कोच नहीं है. जिसके चलते गाड़ियों की स्पीड नहीं बढ़ाई जा रही है.
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रेल मंत्रालय की ओर से कालका-शिमला ट्रैक पर स्पीड को बढ़ाने के लिए ट्रायल किए गए थे. इसके बाद गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने की मंजरी मंत्रालय ने दी थी. ट्रैक पर अभी कुछ समय के अंदर ही कुछ नए कोच चलाए गए हैं. कुछ एक गाड़ियां जो इस ट्रैक पर चल रही हैं उसमें नए और पुराने कोच चलाए जा रहे हैं. ऐसे में रेलवे द्वारा ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ा पाना संभव नहीं हो पा रहा है. अब कालका-अंबाला डिवीजन को ट्रैक पर नए कोचों की संख्या बढ़ने का इंतजार है. इसके बाद ही गाड़ियों की स्पीड भी कालका-शिमला ट्रैक पर 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ा कर 30 से 35 कर दी जाएगी.