शिमला: ये तस्वीरें शिमला की हैं. ये कोई नेता, अभिनेता या कोई बड़ी सेलिब्रेटी नहीं हैं. ये वही सफाई कर्मचारी हैं जो उस गंदगी के ढेर को साफ करते है, जिससे निकलने वाली बदबू से अक्सर लोग नाक सिकोड़ते हुए आगे निकल जाते हैं. कोरोना से बचने के लिए पूरा देश लॉकडाइन है. दुकानों, सरकारी दफ्तरों के दरवाजे बंद हैं. सब कोरोना की मार से घरों में कैद हैं, लेकिन ये सफाई कर्मचारी रोजाना की तरह सड़कों, गलियों, नालियों, अस्पतालों से कूड़ा उठाकर हमे गंदगी और बदबू से मुक्ति दिला रहे हैं. कोरोना के संक्रमण के खतरे के बीच ये शिमला में हर गली कूचों, नुक्कड़, चौराहे पर सेनिटाइजेशन का काम कर रहे हैं.
बड़े से बड़े गंदगी के ढेर को ये कोरोना वॉरियर्स साफ कर देंगे लेकिन इनकी लड़ाई उस दुश्मन से है जो ना दिखता है ना सुनाई देता. ये इंसानों, प्लास्टिक, लोहे की पाइप कहीं पर भी हो सकता है. बस जरा सा संपर्क में आने की देरी है, बाकी का नतीजा दुनिया देख ही रही है. संकट की इस घड़ी में भी ये सफाई कर्मचारी देश के मजबूत सिपाही की तरह मोर्चे पर डटे हैं. ऐसा नहीं है कि सफाई कर्मियों को कोरोना नहीं होगा. दिल्ली में भी एक सफाई कर्मी कोरोना संक्रमित पाया गया है. इसलिए इन्हें भी अपनी जान बचाने के लिए गल्बज, मास्क सेफ्टी सूट और बूट सब चाहिए.