शिमला: भाई-बहन के स्नेह के त्यौहार राखी के लिए शिमला का बाजार सज चुका है और राखी के स्टॉल दुकानदारों ने लगा लिए हैं, लेकिन कोविड-19 की वजह से कम ही लोग बाजारों मेंं खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं. पिछले साल की अपेक्षा इस साल बाजारों में भीड़ कम देखने को मिल रही है. वहीं, दुकानदारों को पहले से पता था कि कोरोना महामारी का असर उनके व्यापार पर पड़ेगा, इसलिए उन्होंने पिछले साल की अपेक्षा इस साल राखी के कम स्टॉल लगाए हैं.
इस बार राखी के त्यौहार को लेकर खास बात ये है कि बाजारों में चाइनीज राखियां बिल्कुल भी नहीं मिल रही हैं और लोग भी चाइनीज राखियों की खरीदारी नहीं कर रहे हैं. जिससे जिस तरह पहले फैंसी राखियां बाजारों में मिलती थी. वो इस बार मार्केट में देखने को नहींं मिल रही हैं. कुंदन राखी, चंदन की राखी, राधा कृष्ण की राखी के साथ ही रुद्राक्ष की राखी की डिमांड इस बार बाजारों में हैं. बहने इस बार अपने भाईयों की कलाई में स्वदेशी राखी बांधना चाहती हैं. यही वजह है कि वो राखी लेने से पहले इस बात की भी पूछताछ दुकानदारों से कर रही है कि ये राखी मेड इन चाइना तो नहीं है.
दुकानदार तरुण ने बताया कि कोविड-19 की वजह से इस बार पिछली साल की अपेक्षा लोगों का खरीदारी के लिए कम रुझान देखने को मिल रहा है, लेकिन उम्मीद है कि राखी का समय नजदीक आते ही लोग बाजरों में खरीददारी के लिए पहुंचेगे. उन्होंने बताया कि बाजारों में इस बार चाइनीज राखियां नहीं लाई गई हैं. सभी राखियां मेड इन इंडिया है और लोग भी चाइनीज राखियों की खरीदारी नहीं कर रहे हैं.