शिमला: नीट पीजी काउंसिलिंग (NEET-2021 PG Counselling) में देरी काे लेकर आईजीएमसी के रेजिडेंट डाॅक्टराें ने शुक्रवार को हड़ताल (IGMC resident doctors strike) पर हैं. जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. सुबह के समय दूर-दराज से मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, लेकिन ओपीडी में रेजीडेंट डॉक्टर नहीं होने की वजह से उन्हें घंटों वहीं बैठकर इंतजार करना पड़ा.
आईजीएमसी में पीजी काउंसलिंग को लेकर पहले भी हड़ताल हो चुकी है. रेजिडेंट डॉक्टर ने जब हड़ताल की तो उसके बाद हिमाचल सरकार ने नीट-2021 पीजी काउंसलिंग को शुरू करवाया था. उस दौरान भी आईजीएमसी में काफी ज्यादा दिक्कतें सामने आई थी. अब फिर से रेजिडेंट डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से मरीजों को परेशानियों क सामना करना पड़ रहा है. वार्ड, ओटी से ओपीडी तक रेजिडेंट डॉक्टर ही काम करते हैं.
आईजीएमसी में इन दिनों विंटर वेकेशन चला हुआ है. ऐसे में आधे डॉक्टर छुट्टी पर गए हुए हैं. आधा ही स्टाफ मेडिकल कॉलेज में सेवाएं दे रहा है. ऐसे में अब रेजिडेंट डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से अब नामात्र डॉक्टर ही सेवाएं देंगे और स्वास्थ्य सुविधाएं काफी ज्यादा चरमराएंगी.
आपको बता दें कि डॉक्टर्स नीट पीजी की काउंसलिंग को अस्थाई तौर पर आगे बढ़ाने के बाद देशभर में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के समर्थन में आईजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) हड़ताल कर रहे हैं. डाॅक्टराें का आरोप है कि काउंसिलिंग में देरी (delay in neet pg Counselling) से एक बैच नहीं आ पा रहा है. इससे जाे डाॅक्टर सेवाएं दे रहे हैं, उन पर बाेझ बढ़ता जा रहा है. ओपीडी और ओटी में सीनियर डॉक्टर के साथ रेजिडेंट डॉक्टर हेल्प करते हैं. ऐसे में उनके ड्यूटी में न होने से दूर दराज से आए मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. डॉक्टर्स का कहना है कि उनकी मांग न मानी गई तो हड़ताल जारी रहेगी.
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