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हिमाचल के अनुसूचित जाति संगठन ने सरकार को घेरने की बनाई रणनीति, शिमला में बैठक कर बनाया संयुक्त मोर्चा - Atrocity Act in Himachal

शिमला के कालीबाड़ी हॉल में रविवार को अनुसूचित जाति के संगठनों द्वारा एक बैठक (SC Organization meeting in shimla) का आयोजन किया गया. बैठक के दौरान संगठनों द्वारा संयुक्त मोर्चा का गठन किया है जोकि प्रदेश सरकार के समक्ष अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचार और समुदाय की मांगों को सरकार (SC Organization on himachal government) के समक्ष उठाएगा.

Scheduled Caste Organization of Himachal
प्रदेश के अनुसूचित जाति संगठन

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Published : Dec 19, 2021, 6:06 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश में सामान्य वर्ग के गठन की घोषणा के बाद अब अनुसूचित जाति के संगठनों ने भी सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है. प्रदेश के अनुसूचित जाति के संगठनों (Scheduled Caste Organization of Himachal) द्वारा संयुक्त मोर्चा का गठन किया है, जोकि प्रदेश सरकार के समक्ष अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचार और समुदाय की मांगों को सरकार के समक्ष उठाएगा. रविवार को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में बैठक का (SC Organization meeting in shimla) आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा करने को लेकर आगामी रणनीति तैयार की गई.


हिमाचल प्रदेश विश्व कर्मा विकास सभा के प्रदेश अध्यक्ष हीरामणि भारद्वाज ने कहा कि अनुसूचित जाति (SC Organization meeting in Kalibari Hall) के लोगों पर आज अत्याचार बढ़ रहे हैं और उनके अधिकारों का हनन हो रहा है और सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है. हिमाचल में एट्रोसिटी एक्ट (Atrocity Act in Himachal) की धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही हैं, शव यात्रा निकालकर की जा रही है, लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि वे सामान्य आयोग के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से एट्रोसिटी एक्ट को खत्म करने की बात कर रहे हैं उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

हीरामणि भारद्वाज ने कहा की अनुसूचित जाति (SC Organization on himachal government) के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आज सभी संगठनों ने एक संयुक्त मोर्चा का गठन किया गया है. जिसमे संगठनों के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है. और यह संयुक्त मोर्चा आगामी समय में समाज के अधिकारों की रक्षा करने के साथ ही सरकार के समक्ष अपनी आवाज उठाने का काम करेगा.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज भी दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. मुख्यमंत्री के गृह जिला में एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया गया और जांच एजेंसियां भी ठीक से काम नहीं कर रही हैं और अब संयुक्त मोर्चा समाज की लड़ाई लड़ेगा. उन्होंने कहा कि ये मोर्चा गैर राजनीतिक है और भविष्य की रणनीति तैयार की जा रही हैं.

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