शिमला: बीते दिनों जयराम कैबिनेट ने नई खेल नीति (new sports policy) को मंजूरी दे दी. आगामी बजट सत्र में इस खेल नीति पर सदन में सियासी संग्राम (politics on new sports policy in himachal pradesh) भी छिड़ना तय है. क्योंकि उससे पहले ही सत्ता और विपक्ष इस नीति को आमने-सामने हैं. कांग्रेस तो इस नीति को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर रही है.
क्या कहते हैं खेल मंत्री- खेल मंत्री राकेश पठानिया (rakesh pathania on new sports policy) ने बताया कि नई खेल नीति में ओलंपिक या पैरालंपिक में पदक विजेताओं के लिए इनामी राशि बढ़ाई है. सरकार ने इस खेल नीति पर व्यापाक स्तर पर वैज्ञानिक पहलूओं के साथ खेल के हर क्षेत्र पर ध्यान दिया है. खेल और खिलाड़ी के विकास के लिए ट्रेनिंग से लेकर कोचिंग, सुविधाओं से लेकर आधारभूत ढांचे को मजबूत करने तक का ध्यान दिया गया है.
क्या कहता है विपक्ष ?- पूर्व खेल मंत्री रामलाल ठाकुर ने खेल नीति को शिगूफा करार देते हुए कहा है कि सरकार को 4 साल बाद खेल नीति की याद तब आई है जब चुनाव आने वाले हैं. ये लोगों को भ्रमित करने के लिए बनाई गई नीति है. रामलाल ठाकुर ने कहा कि उनके खेल मंत्री होते हुए जो नीति बनाई थी उसे केंद्र तक ने सराहा था, लेकिन नई खेल नीति में पदक लाने पर में इनाम की घोषणा तो कर दी है, लेकिन प्रदेश के युवाओं को पदक लाने के लायक बनाने के लिए कुछ नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि अब सरकार जाने वाली है तो भ्रमित करने के लिए खेल नीति लाई गई है. खेल और खिलाड़ियों के लिए जो कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए वो नहीं चलाए जा रहे हैं.
नई खेल नीति- नई खेल नीति के तहत ओलंपिक, शीत ओलंपिक, पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने पर तीन करोड़, सिल्वर पर दो करोड़ और कांस्य पदक विजेता को एक करोड़ रुपये मिलेंगे. पिछली खेल नीति के मुकाबले इस इनामी राशि को दोगुना किया गया है. इसके अलावा ओलंपिक जैसी स्पर्धाओं में हिस्सा लेने पर पहले 1 लाख रुपये की इनामी राशि दी जाती थी जिसे बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. खिलाड़ी के घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर दिया जाएगा. इसी तरह एशियन गेम्स से लेकर कॉमनवेल्थ गेम्स में भी इनामी राशि बढ़ाई गई है.
इसके अलावा इस नीति में खेल और खिलाड़ियों के विकास से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए हैं. खेल के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर खिलाड़ियों के लिए स्पेशल ट्रेनिंग की व्यवस्था तक की बात कही गई है. सरकार के मुताबिक नई नीति से खेल संघों को मजूबत करने के साथ-साथ खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाओं के अलावा साइंटिफिक ट्रेनिंग पर जोर दिया जाएगा. खिलाड़ियों का प्रदर्शन और मनोबल ऊंचा करने के लिए विश्व स्तरीय ट्रेनिंग के साथ पुरस्कार भी दिए जाएंगे. खेल नीति को सरकारी के साथ निजी क्षेत्र की साझेदारी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा.
नई खेल नीति के कुछ अहम बिंदु-
- खेलों का प्रशिक्षण देने के लिए राज्य में एक खेल संस्थान बनाया जाएगा. जहां प्रशिक्षण से लेकर दक्षता बढ़ाने के लिए सेमिनार और सर्टिफिकेट कोर्स भी होंगे. राज्य खेल संस्थान (state sports institute) का संगठनात्मक ढांचा कैसा होगा, इस फंडिग, कार्यप्रणाली आदि को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा एक विशेष कमेटी गठित की जाएगी.
- खेल प्रशिक्षण के आधुनिकीकरण के लिए खेल विज्ञान सुविधाओं की स्थापना.
- संभावित आधारित प्रशिक्षणों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्राथमिकता वाले खेलों में जिला स्तर पर खेल अकादमियों की स्थापना.
- राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से पहले अल्पकालिक कोचिंग शिविरों और उच्च प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों और उच्च प्राथमिकता वाले विषयों के लिए दीर्घकालिक कोचिंग शिविरों का प्रावधान.
- भौगोलिक परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए विंटर स्पोर्ट्स (Winter Sports), एडवेंचर स्पोर्ट्स (adventure sports) और वाटर स्पोर्ट्स (water sports) के बुनियदी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना.
- ग्राम पंचायत से लेकर शहरी निकाय और ब्लॉक स्तर पर खेल के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करना.
- PPP मोड पर विकसित किया जाएगा खेल के लिए आधारभूत ढांचा.
- मॉडर्न तकनीक से आधुनिक सुविधाओं से लैस स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाने पर ध्यान केंद्रित
पहली बार मिलेंगी ये सुविधाएं
- ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ के पदक विजेताओं को मिलेगी पेंशन.
- अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद अवार्ड और खेल रत्न प्राप्त अवार्डियों को मासिक वेतन.
- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल का गठन किया जाएगा.
- गांवों से शहरों तक नए स्टेडियम बनाए जाएंगे, स्पोर्ट्स ट्रेनिंग डेस्टिनेशन बनाने का प्रस्ताव.
- एथलीट को घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर.
- स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन और खेलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा.
- दिव्यांग खिलाडि़यों के लिए साहसिक खेल किए जाएंगे शामिल.