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सदन में गूंजा शिमला मटौर फोरलेन का मुद्दा, विपक्ष ने लगाया जनता को गुमराह करने का आरोप - सीएम जयराम ठाकुर

केंद्र सरकार की ओर से शिमला मटौर नेशनल हाईवे 88 फोरलेन प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया गया है. शुक्रवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इस मुद्दे पर चर्चा की. नेता प्रतिपक्ष ने कहा शिमला-मटौर फोरलेन काफी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. सरकार को इस पर केंद्र से चर्चा करनी चाहिए.

Leader of Opposition Mukesh Agnihotri discussed Shimla Mattour Four lane issues in the Assembly
मुकेश अग्निहोत्री

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Published : Sep 18, 2020, 4:17 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के अंतिम दिन शिमला मटौर फोरलेन का मुदा सदन में गूंजा. नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से शिमला मटौर नेशनल हाईवे 88 फोरलेन का केंद्र द्वारा क्यों रद्द किया गया है. प्रदेश सरकार ने क्या केंद्र से इस मामले को उठाया है. हालांकि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से इस मामले पर चर्चा करने की बात कही.

नेता प्रतिपक्ष ने प्रश्नकाल के बाद विस अध्यक्ष से चर्चा की मांग की थी. नियम 62 के तहत चर्चा की मंजूरी मिलने के बाद मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र ने मटौर शिमला फोरलेन निर्माण से हाथ पीछे खींच लिए है और लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया है. केंद्र ने शिमला मटौर फोरलेन को नॉन वायबल बताकर निर्माण से इंकार कर दिया है.

फोरलेन के निर्माण कार्य को लोक निर्माण विभाग को सौंपना प्रदेश के लिए बहुत बड़ा झटका है. जबकि इस प्रोजेक्ट की पहले ही सैद्धांतिक मंजूरी पहले दी गई थी. लेकिन केंद्र ने इसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया है.

वीडियो रिपोर्ट.

2016 में हाईवे निर्माण की मिली थी सैद्धांतिक मंजूरी

मुकेश ने कहा कि 2016 में इसे केंद्र ने सैद्धांतिक मंजूरी भी दी थी और इस पर 5 हजार करोड़ खर्च होने थे लेकिन खर्च को देखते हुए केंद्र सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस फोरलेन को लेकर काफी प्रचार प्रसार किया था चुनावों के समय 65 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले 69 नेशनल हाईवे की घोषणा तो फर्जी निकली ही वहीं अब मंजूर प्रोजेक्ट भी वापस हो रहे है.

शिमला-मटौर फोरलेन महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने वायबल प्रोजेक्ट जारी की हैं जिसमे 69 नेशनल हाईवे में से एक का भी नाम नही है. मुकेश ने कहा कि शिमला मटौर फोरलेन काफी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है और इसपर चर्चा की विपक्ष मांग कर रहा था. अब इसे नॉन वायबल घोषित होने से अब ये राष्ट्रीय राजमार्ग भी नहीं रहेगा. सरकार को इसको लेकर केंद्र के समक्ष अपनी बात रखनी चाहिए.

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