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जनवादी महिला समिति ने शिमला में DC कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन, उठाई ये मांगें

जनवादी महिला समिति विभिन्न मांगों को लेकर लेकर प्रदर्शन किया गया. समिति का कहना है कि कोरोना के दौर में महिलाओं पर हिंसा के मामले बढ़े हैं और सरकार इन्हें रोकने के लिए विफल रही है. केंद्र और प्रदेश सरकार एक के बाद एक जनविरोधी फैसले ले रही हैं.

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Published : Aug 28, 2020, 10:14 PM IST

Janwadi Mahila Samiti staged protes
Janwadi Mahila Samiti staged protes

शिमलाः अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की प्रदेश कमेटी ने शुक्रवार को महिला संगठनों के आह्वान पर हिमाचल के पांच जिलों में धरने-प्रदर्शन किए. समिति ने कोरोना के चलते महिलाओं पर बढ़ी हिंसा और उनकी विभिन्न मांगों को लेकर लेकर ये प्रदर्शन किए.

महिलाओं ने प्रदर्शन के दौरान राशन में की गई मूल्य वृद्धि के खिलाफ हल्ला बोला और डिपो में सस्ते राशन की सब्सिडी में की गई कटौती के खिलाफ रोष व्यक्त किया और मांग उठाई कि महामारी के चलते अगले छह महीने तक हर परिवार में प्रति व्यक्ति के हिसाब 10 किलोग्राम राशन मिलना चाहिए.

समिति की राज्य सचिव फालमा चौहान ने आयकर से बाहर के परिवारों के लिए आर्थिक राहत देने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में महिलाओं पर हिंसा के मामले बढ़े हैं और सरकार इन्हें रोकने के लिए विफल रही है. केंद्र और प्रदेश सरकार एक के बाद एक जनविरोधी फैसले ले रही हैं.

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महिल समिति ने कहा कि लोन वापसी करने के समय को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाया जाना चाहिए. मनरेगा में महिलाओं ने दो सौ दिन के रोजगार की भी मांग उठाई. महिलाओं ने प्रदेश में वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश में 25 प्रतिशत किराये बढ़ोतरी को भी वापस लेने की मांग की और शिमला में कूड़े, बिजली और पानी के भारी भरकम बिलों को माफ करने के लिए भी हल्ला बोला.

महिला समिति ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वॉरियर्स के नाम से काम करने बाली आंगनबाड़ी और आशा वर्करों को अभी तक पिछले तीन महीनों के मानदेय भी नही मिला है जिसे जल्द जारी किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की सरकार महिला को स्वस्थ्य सुविधाएं भी नहीं दे पाई है.

सरकार सेहत पर बजट खर्च करने में विफल रही है जिससे प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में महिला रोग और शिशु रोग विशेषज्ञ तक नहीं है. प्रदेश में इस विभाग मे कई पद खाली पड़े है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर जल्द इन मांगों को पूरा नहीं करती तो वे संघर्ष को और तेज करेंगी.

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