शिमला: आउटसोर्स को लेकर गठित कैबिनेट सब कमेटी ने आने वाली कैबिनेट बैठक में पॉलिसी रखने का निर्णय लिया है. सब कमेटी के अनुसार आउट सोर्स कर्मियों को स्थाई तौर पर विभाग में रखने का निर्णय किया गया है. अगर यह पॉलिसी कैबिनेट में भी अप्रूव हो जाती है तो ऑउटसोर्स कर्मियों को विभागों से नहीं निकाला जाएगा. हालांकि वेतन पर सब कमेटी अंतिम निर्णय नहीं कर पाई है. इसके लिए कुछ समय और लग सकता है.
हिमाचल सरकार द्वारा गठित तीन कैबिनेट सब कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को सचिवालय में जल शक्ति एवं बागवानी मंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इसमें आउटसोर्स पॉलिसी का ड्राफ्ट (outsource policy draft) लगभग फाइनल कर दिया गया है. इसमें आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी की गारंटी देने की सिफारिश की गई है. कैबिनेट सब कमेटी ने पॉलिसी का ड्राफ्ट फाइनल किया है.
इस पॉलिसी को कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा. माना जा रहा है कि कैबिनेट की अगली बैठक में इस पॉलिसी को लाया जाएगा. चुनावी वर्ष में सरकार इस पॉलिसी को विधानसभा के मानसून सत्र से पहले लाना चाह रही है क्योंकि राज्य के विभिन्न विभागों में 30 हजार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी (outsource employees in himachal ) सेवारत हैं. अभी इनकी सेवा प्रदाता कंपनियां जबरदस्त शोषण कर रही है. इससे बचाने के लिए ही पॉलिसी बनाई जा रही है.