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किन्नौर में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से सब्जियों के बढ़े रेट, हर वर्ग को लगा महंगाई का झटका - inflation in himachal

डीजल-पेट्रोल की कीमतों में उछाल आने से आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी. बात अगर हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर की करें तो यहां डीजल-पेट्रोल की कीमतों में (Petrol diesel price hiked in Kinnaur) वृद्धि होने से वाहन चालकों, टैक्सी सर्विस व सब्जियों के वाहनों की सप्लाई का किराया भी बढ़ सकता है.

Vegetable prices increased in Kinnaur
किन्नौर में सब्जियों के दाम बढ़े

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Published : Mar 24, 2022, 8:11 PM IST

किन्नौर:जनजातीय जिला किन्नौर में पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने (Petrol diesel price hiked in Kinnaur) से खाद्य वस्तुओं पर भी इसका असर पड़ा है. बता दें कि जिले के अंदर पेट्रोल 99.32 व डीजल 83.55 रुपये लीटर तक पहुंच गया है ऐसे में अब वाहन चालकों, टैक्सी सर्विस व सब्जियों के वाहनों की सप्लाई का किराया भी बढ़ सकता है.

जिले के रिकांगपिओ के सब्जी विक्रेताओं का कहना है (Vegetable prices increased in Kinnaur) कि बाजार में पुराने सब्जियों का स्टॉक होने की वजह से बीते एक-दो दिनों से सब्जियों के दाम नहीं बढ़े थे लेकिन अब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से सब्जी मंडी से जिले में पहुंचने वाली सब्जियों व अन्य खुली वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल महंगा होने से सब्जी व अन्य वस्तुओं के सप्लाई वाले वाहनों के किराये में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में स्वभाविक ही सब्जियों के दाम व अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़ गए हैं.

किन्नौर में सब्जियों के दाम बढ़े.
जिले में हाल ही में पेट्रोल 96 रूपये व डीजल 80 रूपये के आसपास था, लेकिन अब ईंधन के दामों में हुई बढ़ोत्तरी का सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है. इसके अलावा किसान-बागवान भी प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि जिले में किसान व बागवान सेब के बगीचों में मशीनों से खुदाई, सेब के पेड़ो में स्प्रे, घास कटाई-छंटाई इत्यादि में प्रयोग होने वाली मशीनों में पेट्रोल-डीजल का प्रयोग होता है. ऐसे में तेल के बढ़ते दाम से आमजनमास, किसान, बागवान, व्यापारियों पर भी प्रभाव पड़ सकता है.
सब्जी पहले अब
फूलगोभी 25 30
आलू 20 25
टमाटर 40 50
मटर 40 60
बैंगन 32 36

वहीं, जिले के वरिष्ठ लेखक व इकोनॉमिक जानकार भगत सिंह किन्नर का कहना है कि देश के विकास के साथ महंगाई का बढ़ना स्वभाविक है. आज देश मे महंगाई के साथ मजदूरों की मजदूरी के साथ कर्मचारियों के भत्ते भी बढ़ रहे हैं लेकिन राजनितिक द्वेष में महंगाई शब्द केवल आरोप-प्रत्यारोप मात्र है. जबकि पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम से लोगों पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है, यह जरूर है कि समाज के कुछ लोगों को पेट्रोल- डीजल के दाम से व्यवसाय मे प्रभाव पड़ता है लेकिन तेल के बढ़ते दामों के साथ व्यापारी भी लोगों से अपनी कमाई के साधन ढूंढ़ लेते हैं.

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