शिमला: जेओए और पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में (HP Police Bharti Paper Leak) किरकिरी के बाद जयराम सरकार नींद से जागी है. पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में हालांकि सरकार ने तुरंत एसआईटी गठित कर बाद में सीबीआई जांच करवाने का ऐलान किया, लेकिन सरकार की छवि पर दाग जरूर लगा है. अब इसी दाग को धोने के लिए जयराम सरकार ने कमेटी का गठन किया है. आईएएस अधिकारी और कृषि सचिव राकेश कंवर की अगुवाई में सरकार ने कमेटी बनाई है. ये कमेटी पेपर लीक से बचाव के उपाय सुझाएगी.
इस कमेटी में भर्ती परीक्षा करवाने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए हैं. हिमाचल प्रदेश में लोक सेवा आयोग, हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड जैसे संस्थान के जिम्मेदार लोग कमेटी में (jairam government formed the committee) लिए गए हैं. ये कमेटी भर्ती परीक्षा को फूल प्रूफ बनाने के उपाय सुझाएगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल में पेपर लीक की घटनाओं को गंभीरता से लिया है. उन्होंने अफसरों के साथ एक उच्च स्तरीय मीटिंग के बाद ये फैसला लिया है कि भर्ती परीक्षा को फूल प्रूफ बनाने के लिए कोई मैकेनिज्म बनाया जाए. उसके बाद ही कमेटी का गठन किया गया है.
सरकार ने विश्वसनीय आईएएस अफसर राकेश कंवर को कमेटी का मुखिया बनाया है. इसके अलावा इस कमेटी में राज्य लोकसेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर से एक-एक सदस्य को शामिल किया जाएगा. साथ ही हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की सचिव मधु चौधरी के अलावा हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के सीईओ यानी परीक्षा नियंत्रक डॉ. जोगेंद्र सिंह नेगी भी इस कमेटी के सदस्य के रूप में काम करेंगे. राज्य सरकार के पर्सनल यानी कार्मिक विभाग के शाखा अधिकारी कमेटी में शामिल होंगे.
दरअसल, जब मंडी में जेओए का पेपर लीक हुआ था (JOA paper leak in Mandi) तो सीएम जयराम ठाकुर ने अफसरों को तलब कर नाराजगी जताई थी. उसके बाद पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने से सरकार की चौतरफा आलोचना होने लगी. विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. यहां तक कि विपक्ष ने सीएम जयराम ठाकुर तक को इस मामले में लपेट लिया. यहां उल्लेखनीय है कि मंडी के एक परीक्षा केंद्र से जेओए यानी जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (पोस्ट कोड 939) का पेपर लीक हुआ था. इस केस की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी. बाद में सामने आया कि केवल मंडी ही नहीं अन्य तीन जगह भी पेपर लीक हुआ है. सवाल ये पैदा हुआ कि जब सरकारी परीक्षा का आयोजन हो रहा है तो उसमें संसाधनों के अभाव में निजी सेक्टर को क्यों शामिल किया गया. मंडी के एक निजी शिक्षण संस्थान के समूह के कर्मचारी ड्यूटी पर लगाए गए थे.
फिलहाल, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश के बाद कमेटी ने कुछ बिंदुओं पर काम करना शुरू किया है. अभी सरकार के समक्ष ये सवाल है कि जिन परीक्षाओं में परीक्षार्थियों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है यानी एक लाख से भी ऊपर चली जाती है तो उसे कैसे मैनेज किया जाए. वहीं, एक पक्ष ये भी है कि अब लिखित परीक्षा ही सौ नंबर्स की हो गई है. ऐसे में परीक्षा को फूल प्रूफ बनाने के लिए क्या उपाय किए जाएं.
इससे पहले राज्य सरकार का कार्मिक विभाग पहले ही सरकारी नौकरियों से जुड़ी परीक्षाओं को करवाने वाली एजेंसियों को ये सुझाव दे चुके हैं कि परीक्षा ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के मोबाइल बाहर ही रखवाए जाएं. परीक्षा केंद्र के मुखिया ये सुनिश्चित करेंगे कि ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के मोबाइल अपने पास रखने की पूरी प्रक्रिया लिखित में हो. साथ ही उनके मोबाइल परीक्षा खत्म होने के बाद वापिस दिए जाएं. पहले भी जेओए पेपर लीक मामले में मोबाइल से ली गई फोटो बाहर भेजने की बात सामने आई थी. कमेटी ऐसे-ऐसे उपाय सुझाएगी, जिससे भर्ती परीक्षा फूल प्रूफ हो सके.
ध्यान देने वाली बात है कि पिछले साल भी हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के दो एग्जाम में पेपर लीक होने के आरोप लगे थे. फिलहाल, कमेटी जल्द ही अपने सुझाए गए उपायों को दस्तावेज का रूप देकर सरकार को सौंपेगी. उसके बाद मामला कैबिनेट में डिस्कस होगा. चुनावी साल में जयराम सरकार ये संकेत देना चाहती है कि परीक्षाओं को लेकर उसकी नीयत साफ है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में सरकार ने तत्परता से काम किया है. अब सरकार ने कमेटी बनाई है, जो सिस्टम को चूक रहित बनाने का सुझाव देगी.
ये भी पढ़ें:HP Police recruitment paper leak case: SIT ने बिहार से गिरफ्तार किए पांच आरोपी