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हिमाचल में पूर्व अर्धसैनिक भी लड़ेंगे चुनाव, सरकार की अनदेखी के कारण लिया फैसला

हिमाचल के पूर्व अर्धसैनिक कल्याण और समन्वय संघ ने प्रदेश सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाए हैं. जिसके रोष स्वरूप संघ ने प्रदेश के अंदर हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) के मद्देनजर 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया (HP Ex Paramilitary Welfare association Contest elections) है. वहीं, उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है. पढ़ें पूरी खबर...

HP Ex Paramilitary Welfare association Contest elections.
हिमाचल में पूर्व अर्धसैनिक भी लड़ेंगे चुनाव.

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Published : Oct 6, 2022, 2:40 PM IST

शिमला:हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) का रण दिन-ब-दिन दिलचस्प होता चला जा रहा है. प्रदेश के पूर्व अर्धसैनिक कल्याण और समन्वय संघ ने भी अब विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला लिया (HP Ex Paramilitary Welfare association Contest elections) है. संघ ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए चुनाव लड़ने की बात कही है.

संघ ने 40 सीटों पर लड़ेगा चुनाव:चुनाव लड़ने के लिए अर्धसैनिक समन्वय संघ (HP Ex paramilitary coordination association) ने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है. इसमें ऊना से राजकुमार, लाहौल-स्पीति से कर्म ठाकुर, बिलासपुर से जोगिंदर सिंह चंदेल, बंजार नारायण सिंह ठाकुर और कुल्लू से टेक चंद ठाकुर उम्मीदवार होंगे. संघ ने कुल 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. उम्मीदवारों की अगली सूची दूसरे और तीसरे चरण में जारी की जाएगी.

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अर्धसैनिक बल से छीनी कैंटीन की सुविधा: हिमाचल प्रदेश राज्य पूर्व अर्धसैनिक कल्याण और समन्वय संघ के अध्यक्ष वीके शर्मा ने बताया कि सरकार लगातार उनकी अनदेखी कर रही है. अर्धसैनिक बल से जुड़े लोग लगातार अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही. उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बल के लोगों से कैंटीन की सुविधा छीनी गई. उन्हें सरकार ने आवारा पशुओं की तरह छोड़ दिया. बार-बार वार्तालाप के बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है.

कमेटी में एक भी अर्धसैनिक बल का पूर्व कर्मचारी नहीं: ऐसे में संघ ने यह फैसला लिया है कि अब विधानसभा चुनाव में उतर कर सरकार को जवाब दिया जाए. उन्होंने कहा कि अर्ध सैनिक बल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांग मान ली जाएगी. उन्होंने कहा कि कमेटी भी गठित की गई सीएम कमेटी के अध्यक्ष हैं. डीजीपी सेना के अधिकारी हैं, लेकिन कमेटी में एक भी अर्धसैनिक बल का पूर्व कर्मचारी नहीं है.

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