शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को (HP budget session 2022) काफी गहमागहमी रही. ओल्ड पेंशन स्कीम के संदर्भ में सदन में कांग्रेस स्थगन प्रस्ताव लाना चाहती थी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उसे अस्वीकार कर दिया. उसके बाद कांग्रेस के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. माकपा विधायक राकेश सिंघा भी कांग्रेस के साथ आ गए. नारेबाजी के दौरान एक दिलचस्प वाकया हुआ. राकेश सिंघा प्रथम पंक्ति में खड़े होकर ओल्ड पेंशन के समर्थन में नारे लगा रहे थे. सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा पीछे खड़े थे. सिंघा ने राजेंद्र राणा की बांह पकड़ कर उन्हें आगे आने को कहा.
कुछ देर नारेबाजी करने के बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर (Opposition walkout in Himachal Assembly) दिया. राकेश सिंघा भी कांग्रेस के साथ बाहर चले गए. बाद में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में इस सारे प्रकरण को लेकर चुटीले अंदाज में कांग्रेस को घेरा. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कैसा समय आ गया है कि एक समय देश की सबसे बड़ी पार्टी को नारेबाजी के लिए सीपीएम का सहारा लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपना नेतृत्व माकपा को आउटसोर्स कर दिया है. इसी पर सत्ता पक्ष की बैंच से कहा गया कि कांग्रेस पार्टी ही आउटसोर्स हो गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये हास्यास्पद स्थिति है. कांग्रेस का नेतृत्व माकपा का विधायक कर रहा है. नारे (CM targets Congress) लगाने के लिए भी कांग्रेस को सीपीएम का सहयोग लेना पड़ रहा है. बाद में कांग्रेस के सदस्य लखविंद्र राणा व माकपा विधायक राकेश सिंघा सदन में आ गए, क्योंकि वे अपने सवाल के जवाब में अनुपूरक सवाल पूछना चाहते थे. लखविंद्र राणा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक ट्यूबवैल का मामला उठाया. वे जानना चाहते थे कि क्या जलशक्ति विभाग उस ट्यूबवेल को कृषि विभाग से अपने अधीन लेगा.