शिमला:हिमाचल प्रदेश में अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए 674 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी यानी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स की (community health officers in himachal) नौकरी को कोई खतरा नहीं है. हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि अनुबंध आधार पर सेवाएं दे रहे 674 ऐसे ऑफिसर्स को नौकरी से बाहर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. दरअसल, राज्य में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स के 723 पद भरने की घोषणा हुई है. इस संदर्भ में विज्ञापन भी जारी किया गया है. इन नई नियुक्तियों की प्रक्रिया से अनुबंध आधार पर सेवाएं दे रहे सीएचओ में डर फैल गया था कि कहीं उनकी नौकरी पर खतरा न आ जाए.
अनुबंध अधिकारी संघ की तरफ से इस बारे में हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी. याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्हें नौकरी से बाहर करने का कोई इरादा नहीं है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सई व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार के इस वक्तव्य को रिकॉर्ड पर लाते हुए 723 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की हालिया भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. अब मामले पर सुनवाई पहली नवंबर के लिए निर्धारित की गई है. ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर व अन्य डॉक्टरों द्वारा दायर याचिका के अनुसार नेशनल हेल्थ मिशन के तहत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों को अपग्रेड कर स्वास्थ्य व कल्याण केंद्रों (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स) में बदलने की मुहिम शुरू की गई.