शिमला:शिमला नगर निगम चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. भाजपा और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी ने भी नगर निगम चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया है. हालांकि ये चुनाव पार्टी चिन्ह (Municipal Corporation Shimla elections)
पर होने हैं या नहीं इस पर संशय बरकरार है. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सरकार द्वारा इस पर शीघ्र ही फैसला लेने की बात कही है. जिसके बाद शहर में राजनीति और गरमा गई है.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि कांग्रेस नगर निगम शिमला के चुनावों को लेकर पूरी तरह से तैयार है. लेकिन प्रदेश सरकार इस बार भी शिमला नगर निगम के चुनाव पार्टी चिन्ह पर करवाने के हक में नजर नहीं आ रही है. जबकि प्रदेश में हाल ही में चार नगर निगम के चुनाव पार्टी चिन्ह पर ही करवाये गए हैं तो नगर निगम शिमला के चुनाव करवाने से क्यों ये सरकार डर रही है. सरकार कह रही है कि शिमला में उन्होंने विकास करवाया है तो ऐसे में सरकार को किस चीज का डर है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनावों को लेकर पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने मांग की है कि सरकार नगर निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर ही करवाएं.
पार्टी चिन्ह पर हों नगर निगम शिमला के चुनाव वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा का कहना है कि शिमला में आम आदमी पार्टी की दस्तक से सरकार पूरी तरह से डर गई है. ऐसे में प्रदेश सरकार नगर निगम शिमला के चुनाव पार्टी चिन्ह पर करवाने को लेकर असमंजस की स्थिति में है. प्रदेश में भाजपा सरकार है और नगर निगम में भी भाजपा काबिज है ऐसे में यह सरकार पार्टी चिन्ह पर चुनाव करवाने से डर रही है. उन्होंने सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर सरकार को लगता है कि उन्होंने शिमला का विकास किया है तो सरकार इन नगर निगम चुनावों को पार्टी चिन्ह पर करवाए ? उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जल्द ही नगर निगम चुनावों को लेकर अपना घोषणा पत्र जारी करेगी.बता दें कि प्रदेश में नगर निगम के चुनाव को विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जाता है. नगर निगम चुनाव (Municipal Corporation Shimla elections) के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. 2017 में शहर में चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं करवाए गए थे. इसके बाद जब नगर निगम के गठन की बात आई तो एक दूसरे को अपनी तरफ खींचने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. दोनों ही राजनीतिक दलों ने निगम में काबिज होने के लिए पूरा जोर लगाया. जिसमें जीत भाजपा को मिली थी.
ये भी पढ़ें :AAP देश की 'एंटी हिंदू, एंटी इंडिया' पार्टी, कांग्रेस से निकले नेताओं को दे रही पनाह: तेजस्वी सूर्या