शिमला: कैबिनेट मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि कांग्रेस को हर बार चुनाव में वीरभद्र सिंह के नाम पर सहानुभूति का लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि मंडी लोकसभा सीट पर उप चुनाव में जरूर प्रतिभा सिंह और कांग्रेस को वीरभद्र सिंह के नाम पर सिंपैथी वोट पड़ा था, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होगा.
ईटीवी भारत से बातचीत में मारकंडा ने कहा कि मंडी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान सियासी परिस्थितियां अलग थी. कांग्रेस हाईकमान भ्रम में है कि हिमाचल में बार-बार वीरभद्र सिंह के नाम का लाभ पार्टी को मिलेगा. प्रतिभा सिंह सांसद हैं और कांग्रेस आला कमान का खयाल है कि विधानसभा चुनाव में वीरभद्र फैक्टर काम करेगा.
इसी सोच के साथ प्रतिभा सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन इससे कांग्रेस की गुटबाजी नहीं थमेगी. डॉ. मारकंडा ने कहा कि एक अध्यक्ष के साथ चार अन्य नेता भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं. प्रतिभा सिंह के कार्यभार संभालने के दौरान कांग्रेस के नेता जिस तरह से एक दूसरे को कुर्सी मिलने और कुर्सी छीनने की बात कह रहे थे, वो वायरल वीडियो सभी ने देखा है. मारकंडा ने कहा कि कांग्रेस गुटबाजी में उलझी है और विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए आजमाए जा रहे सहानुभूति लहर के दावं का कांग्रेस को कोई लाभ नहीं मिलेगा.
दिल्ली की गर्मी से त्रस्त केजरीवाल ठंड की तलाश में:कैबिनेट मंत्री रामलाल मारकंडा (Technical Education Minister Ramlal Markanda) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली से भी को हांकना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मंडी व कांगड़ा में केजरीवाल ने हिमाचल के किसी नेता को मंच से संबोधित नहीं करने दिया. मारकंडा ने तंज कसा कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी हिमाचल में तीसरा विकल्प नहीं बन सकती और वे केवल दिल्ली की गर्मी से त्रस्त होकर शीतलता की तलाश में हिमाचल आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की कार्यप्रणाली पंजाब में सभी देख रहे हैं. अरविंद केजरीवाल दिल्ली से ही पंजाब की सरकार चला रहे हैं. मारकंडा ने कहा कि हिमाचल में केवल पंडित सुखराम ही कुछ हद तक तीसरा विकल्प दे पाए थे. उन्होंने कहा कि सुखराम बड़े कद के नेता रहे हैं और मुख्यमंत्री पद के एक समय सशक्त दावेदार थे, लेकिन आम आदमी पार्टी के पास हिमाचल में कोई बड़ा चेहरा नहीं है.