शिमला: 'लागत आधारित लाभकारी मूल्य' की मांग और प्रदेश स्तर पर किसानों की मांगों को देखते हुए भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेश द्वारा 11 जनवरी को विकास खंडों पर धरना-प्रदर्शन किए (Demonstration of Bhartiya kisan sangh) जाएंगे. साथ ही इस मांग को पूरा करने के लिए भारत के राष्ट्रपति और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपे जा रहें हैं. भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेश के महामंत्री सुरेश ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में तीन कृषि कानून संसद में पास (Bhartiya kisan sangh himachal) किए थे.
उन कानूनों में संशोधन की मांग रखते हुए किसानों को उनकी उपज का 'लागत आधारित लाभकारी मूल्य' प्राप्त हो उस को लेकर मांग रखी गई थी. साथ ही लागत आधारित लाभकारी मूल्य को उन तीनों कानूनों में शामिल करने की भी मांग रखी गई. इसके लिए भारतीय किसान संघ ने सितंबर 2020 में पूरे भारत वर्ष में 20 हजार ग्राम समितियों से पारित प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को प्रेषित किए गए थे. लेकिन सरकार की ओर से उस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
परिणामस्वरूप दूसरे चरण में 8 सितंबर, 2021 को भारतीय किसान संघ ने देश के 513 जिला केन्द्रों पर धरना-प्रदर्शन कर दोबारा प्रस्ताव जिला इकाइयों में पारित कर प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री को भेजे. लेकिन एक बार फिर इस ओर सरकार का ध्यानाकर्षण करते हुए ये मांग अब तीसरे चरण में पहुंच गई है, जिसके तहत 1 जनवरी, 2022 से कल यानी 10 जनवरी 2022 तक गठित ग्राम समितियों में बैठकें कर व किसानों में जन जागरण किया जा (demands of kisan sangh himachal) रहा है.
इसी क्रम में 11 जनवरी, 2022 को हर विकास खंड़ो (ब्लॉक) से ‘लागत आधारित लाभकारी मूल्य’ प्राप्ति की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन का निर्णय लिया है. साथ ही इस प्रस्ताव का ज्ञापन राष्ट्रपति भारत सरकार को तहसीलदार व एसडीएम (नागरिक) के माध्यम से प्रेषित किया जाएगा, जिसकी प्रति प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री को भी भेजी जा रही है. इसके अलावा प्रदेश स्तर पर किसानों की मांग से संबंधित ज्ञापन विकास खंड अधिकारियों के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को भेजने का निर्णय लिया है.
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