शिमला: हिमाचल प्रदेश को झकझोर कर रख देने वाले गुड़िया मामले को लेकर इंसाफ के लिए एक बार फिर से स्थानीय लोग लामबंद होना शुरू हो गए हैं. इस मामले को पिछली सरकारों ओर वर्तमान सरकार से अभी तक कोई न्याय होता न देख लोग फिर से गुड़िया को न्याय दिलाने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं.
इस मामले के दोषियों के प्रति अब तक की गई कार्रवाई के प्रति नाराजगी भी जाहिर हो रही है. इस मुद्दे को लेकर सीपीआईएम एक बार फिर से सड़कों पर उतरने की तैयारी में है. इस मुद्दे को लकेर ठियोग में सीपीआईएम नेताओं ने कहा कि जुलाई 2017 में हुई इस जघन्य अपराध को लेकर फॉरेंसिक लैब से जो रिपोर्ट आई है उसमें भी कहा गया है कि इस अपराध में 2 से ज्यादा लोगों की संलिप्तता है लेकिन उसके बावजूद भी इस मामले की दोबारा से जांच प्रदेश सरकार ने नहीं करवाई है.
नेताओं ने कहा कि गुड़िया को न्याय मिलना चाहिए और मामले की दोबारा से जांच होनी चाहिए जिसे लेकर गुड़िया के माता-पिता मुख्यमंत्री से मिलकर भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन सरकार ने अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले की दोबारा से निष्पक्ष जांच की जाए और जो अपराधी है उन्हें सामने लाया जाए. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस ने जो कार्रवाई की है और उस समय की सरकार और तंत्र ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया है.
सीपीआईएम नेताओं ने कहा कि क्षेत्र की जनता को सीबीआई से उम्मीद थी कि वह मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए असली आरोपियों को बेनकाब करेगी. सीबीआई ने एक चिरानी को आरोपी बनाकर पेश कर दिया है जो जनता के गले नहीं उतर रहा है. उन्होंने कहा कि गुड़िया को न्याय दिलाने के लिए लोग एक एक बार फिर सड़को पर उतरेंगे.
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