शिमला:भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का कहना है कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार व नगर निगम शिमला में सत्तासीन हुई है शिमला शहर के विकास पर लगभग ग्रहण लग गया है और विकास का पहिए बिल्कुल थम गए हैं. यहां तक कि पूर्व नगर निगम द्वारा शहर के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं को भी सरकार पूरा करने में पूर्णतः विफल रही है.
कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जिला सचिव संजय चौहान (Sanjay Chauhan on jairam government) ने कहा कि पार्टी सरकार व नगर निगम की इस भेदभावपूर्ण व लचर कार्य प्रणाली की कड़ी निंदा करती है और शिमला शहर में ठप पड़े विकासात्मक कार्यों को तुरंत गति प्रदान करने की मांग करती है. अन्यथा सरकार व नगर निगम के इस भेदभावपूर्ण रवैये के प्रति जनता को लामबंद कर आंदोलन किया जाएगा.
माकपा जिला सचिव संजय चौहान (CPI(M) District Secretary Sanjay Chauhan) ने कहा कि सरकार व नगर निगम के भेदभावपूर्ण रवैये का एक जीता जागता उदाहरण शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने और ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली बहुयामी शिमला रोपवे परियोजना के निर्माण कार्य को शुरू नहीं करके पूरी तरह से नजरअंदाज करना है. यह रोपवे टूटीकंडी से मालरोड तक बनना था और इसकी आधारशिला 23 जून, 2015 को रखी गई थी. इसकी लंबाई 3600 मीटर है और इसमें एक घंटे में करीब 1000 व्यक्ति सफर कर सकते हैं.
संजय चौहान ने कहा कि इससे शिमला शहर में न केवल पर्यटन को बढ़ावा बल्कि शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजात मिलनी थी. इससे नगर निगम शिमला को प्रतिवर्ष करीब 11 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होनी थी. जिससे शहर के विकास को गति प्रदान की जा सकती थी. संजय चौहान ने कहा किवर्ष 2015 में प्रदेश में तीन रोपवे परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई थी. इनमें शिमला में टूटीकंडी से मालरोड, कांगड़ा में धर्मशाला से मैकलोडगंज और हिमानी चामुंडा रोपवे थे और इनके शिलान्यास भी किए गए थे, लेकिन आज धर्मशाला से मैकलोडगंज के लिए रोपवे शुरू हो गया है और शिमला में टूटीकंडी से मालरोड का कार्य भी सरकार द्वारा अभी तक शुरू नहीं किया गया है.