शिमलाः हिमाचल में इको टूरिज्म साइट का पता लगाने के लिए वन विभाग ने भारी भरकम राशि खर्च कर कंसल्टेंट नियुक्त किया है. विभाग ने 70 लाख रुपये में एक निजी कंपनी को कंसल्टेंट नियुक्त किया है. यह फर्म अब पांच महीने में इकाे टूरिज्म साइटाें का पता लगाकर सरकार को बताएगी. इसके बाद वन विभाग इन इकाे टूरिज्म के लिए डेवलप करेगा.
बनेंगे कैंपिंग साइट
प्रदेश में इको टूरिज्म विकसित करने को वन विभाग के 400 से ज्यादा वन विश्राम गृहों में से 55 को विकसित करेगी. पांच हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले इन रेस्ट हाउसों के कई हेक्टेयर वाले इलाकों को विभाग कैंपिंग साइट बनाकर यहां टेंट लगाएगा. रेस्ट हाउस कैटरिंग हब के तौर पर इस्तेमाल होगा और आसपास के ट्रैकों को भी दुरुस्त कर देशभर के करीब एक लाख युवाओं को इन साइटों तक लाने का प्रयास किया जाएगा.
विलेज टूरिज्म भी किया जाएगा डेवल्प
यहां उन युवाओं को पैराग्लाइडिंग से लेकर अन्य एडवेंचर गतिविधियां सस्ती दरों पर मुहैया कराई जाएंगी. इन साइटों के जरिये विभाग नई पीढ़ी को हिमाचल से जोड़ने का प्रयास करेगी. सस्ते दाम पर हिमाचल की मनोरम वादियों तक लाया जाएगा ताकि जब वे बड़े हो और छुट्टी का जब भी प्लान बनें तो वह हिमाचल का ही रुख करें. इसके अलावा पहले चरण में जंजैहली के चार गांवों को भी विलेज टूरिज्म के लिहाज से विकसित किया जाएगा.